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झारखंड हाईकोर्ट ने दिया नदी व जलाशयों की जमीन से अतिक्रमण हटाने का निर्देश, सरकार को मिला 3 माह का समय

खंडपीठ ने झारखंड सरकार व रांची नगर निगम को निर्देश दिया कि तीन माह के अंदर राजधानी की नदियों और तालाबों की जमीन पर लगे अतिक्रमण हटा लें. साथ ही जलस्रोतों की लगातार साफ-सफाई कराने का निर्देश दिया है

झारखंड हाइकोर्ट ने रांची के जलाशयों की जमीन का अतिक्रमण व बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर दायर विभिन्न जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रार्थी, राज्य सरकार व रांची नगर निगम का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी किया.

खंडपीठ ने राज्य सरकार व रांची नगर निगम को निर्देश दिया कि तीन माह के अंदर कांके डैम, हटिया डैम व रुक्का डैम सहित बड़ा तालाब की जमीन पर यदि कोई अतिक्रमण है, तो उसे हटा दिया जाये. किसी भी स्थिति में जलाशयों व नदियों की जमीन पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. इसका ध्यान रखा जाये. पूर्व के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

खंडपीठ ने कहा कि जलस्रोतों की लगातार साफ-सफाई करायी जाये. उसमें ठोस या गीला कचरा नहीं जाये, इसे सुनिश्चित किया जाये. निर्धारित समय में बड़ा तालाब में एसटीपी का भी निर्माण पूरा किया जाये. खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि गरमी में कहीं भी पेयजल का संकट नहीं हो. हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाये.

खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका को छोड़ कर खुशबू कटारुका, राजीव कुमार, राजीव कुमार सिंह व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकाओं को निष्पादित कर दिया. स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से गौरव राज ने पक्ष रखा.

प्रार्थी खुशबू कटारुका ने स्वयं पैरवी की. रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि जलस्रोतों के अतिक्रमण व साफ-सफाई को लेकर जनहित याचिका दायर की गयी थी.

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