रिनपास गड़बड़ी मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार व एसीबी से मांगा जवाब

अधिवक्ता श्री मिश्र ने मामले में एसीबी को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी उत्तम कुमार ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 13, 2023 11:57 AM

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने रिनपास में हुई गड़बड़ियों को लेकर दायर क्रिमिनट रिट याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार व एसीबी को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने पूछा कि मामले में क्या कार्रवाई की गयी है. शपथ पत्र के माध्यम से जानकारी दी जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 21 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि रिनपास में काफी गड़बड़ी हुई है. वित्तीय गड़बड़ियों के साथ-साथ रिनपास के कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति भी गलत है. पूरे मामले की जांच के लिए प्रार्थी ने एसीबी में प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर आवेदन दिया, लेकिन एसीबी अथवा राज्य सरकार ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की. अधिवक्ता श्री मिश्र ने मामले में एसीबी को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी उत्तम कुमार ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है.


पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई के लिए बना है प्राधिकार

झारखंड हाइकोर्ट ने पुलिस एक्ट में सुधार को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि झारखंड राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकार नियमावली-2017 बनायी गयी है. उक्त नियमावली के तहत पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. राज्य स्तर व जिलों में पुलिस शिकायत प्राधिकार बनाया गया है. इस प्राधिकार में लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. प्राधिकार में एक अध्यक्ष, तीन अन्य सदस्य व एक सदस्य सचिव रखे गये हैं. प्राधिकार शिकायत पर सुनवाई कर आदेश पारित करेगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी जियाउल हक ने जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश का अनुपालन झारखंड में कराने की मांग की गयी थी.

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