रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने सीवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर बनानेवाली कंपनी मैनहर्ट मामले की एसीबी में दर्ज प्रारंभिक जांच (पीइ) की रिपोर्ट व प्राथमिकी दर्ज नहीं होने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए जवाब दायर करने के लिए समय प्रदान किया. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह अंतिम अवसर होगा. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी. प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता एके कश्यप ने पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को जवाब दायर करना था, लेकिन अब तक नहीं हुआ है. वहीं राज्य सरकार ने जवाब दायर करने के लिए और समय देने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
प्रार्थी विधायक सरयू राय ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. इस याचिका कहा गया है कि मैनहर्ट को रांची के सीवरेज ड्रेनेज का डीपीआर तैयार करने का कार्य दिया गया था. इसके लिए 21 करोड़ का भुगतान किया गया. डीपीआर घोटाले का मामला विधानसभा में भी उठा था. बाद में राज्य सरकार के निर्देश के बाद दिसंबर 2020 में एसीबी में पीइ दर्ज की गयी थी. पिछली सुनवाई में एसीबी के एसपी ने बताया था कि अगस्त 2022 में रिपोर्ट के साथ पत्र भेजा गया है. मैनहर्ट को सीवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर बनाने के लिए टेंडर देने के संबंध में कैबिनेट से स्वीकृति मिली थी. वैसी स्थिति में प्रारंभिक जांच की कार्रवाई आगे जारी रखने या नहीं रखने के संबंध में विधि विभाग से विधि परामर्श मांगा गया है, लेकिन अब तक विधि परामर्श नहीं मिला है.