रांची : जेपीएससी असिस्टेंट इंजीनियर प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षण के मामले पर झरखंड सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि सामान्य कैटेगरी ओपेन फॉर ऑल है. अगर किसी अभ्यर्थी का नंबर कट ऑफ मार्क्स से अधिक आया है तो उसका चयन किसी भी कैटेगिरी में हो सकता है. इसे आरक्षण देना नहीं कहेंगे. पीटी का रिजल्ट विज्ञापन के अनुसार जारी किया गया है, जो सही है. यह बात झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में संयुक्त असिस्टेंट इंजीनियर प्रतियोगिता के पीटी में आरक्षण का लाभ देने के मामले में सुनवाई के दौरान कही गयी.
मामले में मंगलवार को राज्य सरकार और जेपीएससी की ओर से बहस शुरू की गयी, लेकिन बहस अधूरी रही. अगली सुनवाई के लिए अदालत ने चार जुलाई की तिथि निर्धारित की. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पक्ष रखा.
महाधिवक्ता ने अदालत को भी बताया कि कि पीटी का रिजल्ट वर्ष 2020 में प्रकाशित हुआ था, जबकि प्रार्थी ने वर्ष 2022 में रिट याचिका दायर कर उसे चुनौती दी है. वैसी स्थिति में याचिका मेंटनेबल नहीं है. इसे पोषनीय नहीं माना जाये. सरकार व जेपीएससी की बहस पूरी होने के बाद प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स द्वारा पक्ष रखा जायेगा.
ज्ञात हो कि प्रार्थी भाष्कर व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी है. उन्होंने पीटी में आरक्षण का लाभ देने का मामला उठाते हुए रिजल्ट को रद्द या संशोधित करने की मांग की है. संयुक्त असिस्टेंट इंजीनियर प्रतियोगिता परीक्षा के तहत सिविल के 542 व मैकेनिकल इंजीनियर के 95 पदों सहित कुल 637 पदों पर नियुक्ति होगी. मुख्य परीक्षा के रिजल्ट के बाद जेपीएससी ने साक्षात्कार लेना शुरू किया था, जिसे बाद में स्थगित कर दिया गया.
Posted By: Sameer Oraon