रांची : कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) के समय ‘सभी मोदियों को चोर बताये’ जाने के बयान के मामले में निचली अदालत से जारी सम्मन पर झारखंड हाइकोर्ट (Jharkhand High Court) ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने राहुल गांधी को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी.
जस्टिस आनंद सेन की पीठ ने राहुल की याचिका पर फिलहाल उनके खिलाफ कोई उत्पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है. गुरुवार को राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने इस मामले के प्रतिवादी प्रदीप मोदी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया.
रांची की निचली अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सम्मन जारी करते हुए 28 फरवरी को खुद या अपने वकील के माध्यम से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. गुरुवार को सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से हाइकोर्ट को बताया गया कि उनके खिलाफ जो आरोप लगाये गये हैं, वे निराधार हैं, क्योंकि उन्होंने किसी खास जाति के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है.
निचली अदालत में अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने राहुल गांधी पर 20 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. इसमें कहा गया है कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान रांची के मोरहाबादी मैदान में कांग्रेस की सभा में ‘राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी, ललित मोदी का नाम लेने के साथ कहा था कि जिनके नाम के आगे मोदी है, वो सभी चोर हैं.’
शिकायतवाद में कहा गया है कि सभी मोदी को चोर कहना निंदनीय, कष्टदायक और ठेस पहुंचाने वाला है. उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह अदालत से किया है.