अलीमुद्दीन की लिंचिंग के दोषी दीपक मिश्र को झारखंड हाइकोर्ट से मिली जमानत
Alimuddin Lynching : रामगढ़ में मांस कारोबारी की भीड़ ने कर दी थी हत्या
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने रामगढ़ में अलीमुद्दीन अंसारी की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के सजायाफ्ता दीपक मिश्र को जमानत दे दी. इससे पहले इस मामले के 10 अन्य दोषियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. जस्टिस एके गुप्ता एवं जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने दीपक को 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके और जमानत राशि पर रिहा करने का आदेश दिया है.
इससे पहले एक बार झारखंड हाइकोर्ट ने दीपक मिश्र को जमानत देने से इन्कार कर दिया था. निचली अदालत ने इस मामले में दीपक मिश्र सहित अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. दीपक ने निचली अदालत की सजा के खिलाफ अपील दाखिल कर जमानत की गुहार लगायी थी, जिसमें इस मामले से जुड़े 10 अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल जाने का जिक्र था.
सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता एके कश्यप ने खंडपीठ को बताया कि मॉब लिंचिंग की घटना के दौरान दीपक मिश्र को अगुवाई करने वाला बताया गया था, लेकिन इसका कोई साक्ष्य नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अलीमुद्दीन की पत्नी ने जिस असलम अंसारी की सूचना पर प्राथमिकी दर्ज करायी है, निचली अदालत में उसकी गवाही नहीं हुई है. साथ ही, अलीमुद्दीन को मारने में उपयोग किये गये लाठी-डंडे दीपक मिश्र के घर से बरामद नहीं हुए थे. इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने दीपक मिश्र को जमानत दे दी. प्रतिबंधित मांस ले जाने के आरोप में जून, 2017 में अलीमुद्दीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में निचली अदालत ने मार्च, 2018 में दीपक समेत 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. इस मामले में दीपक मिश्र को छोड़कर सभी को पूर्व में उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है.