Jharkhand News : पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा भयादोहन मामले में गिरफ्तार अधिवक्ता राजीव कुमार के पिता सत्यदेव राय द्वारा दायर हैवियस कॉर्पस याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने प्रार्थी के अधिवक्ता को एफआईआर की सर्टिफाइड कॉपी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने 50 लाख कैश के साथ गिरफ्तार किया था.
राजीव कुमार की कोलकाता में गिरफ्तारी का विरोध
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में हैबियस कॉर्पस याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए अधिवक्ता ऋतु कुमार द्वारा विशेष मेंशन किया गया था. बाद में चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष मेंशन किया गया. खंडपीठ ने शीघ्र सुनवाई का आग्रह स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई की गयी थी. झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने सोमवार को मौखिक रूप से कहा था कि जब सभी अदालतों में अधिवक्ता शामिल नहीं हो रहे हैं, पैरवी नहीं कर रहे हैं, तो वैसी स्थिति में एक विशेष याचिका पर सुनवाई कैसे हो सकती है. पहले काम नहीं करने का निर्णय वापस लिया जाना चाहिए. बाद में चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष मेंशन किया गया था. खंडपीठ ने शीघ्र सुनवाई का आग्रह स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए दो अगस्त की तिथि निर्धारित की थी. आपको बता दें कि अधिवक्ता राजीव कुमार की कोलकाता में गिरफ्तारी के विरोध में झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता सोमवार को अदालत में सुनवाई में नहीं गये थे. चीफ जस्टिस द्वारा मंगलवार को सुनवाई की तिथि तय की गयी, इसके बाद अधिवक्ताओं ने काम पर लौटने का निर्णय लिया.
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एडवोकेट एसोसिएशन ने बुलायी थी आपात आमसभा
अधिवक्ता राजीव कुमार की कोलकाता में गिरफ्तारी की सूचना के बाद एडवोकेट एसोसिएशन ने आपात आमसभा बुलायी थी. एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार की अध्यक्षता में हुई आमसभा में आक्रोशित अधिवक्ताओं ने हाइकोर्ट में अदालती कार्यों में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया था. इसमें कहा गया था कि जब तक अधिवक्ता राजीव कुमार को सामने नहीं लाया जाता है, तब तक अदालती कार्य नहीं करेंगे.
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रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची