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Jharkhand: हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी- कब तक प्रदूषित हवा-पानी से त्रस्त रहेगी रांची, प्रदूषण बोर्ड है कि नहीं

Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. कहा है कि आखिर कब तक रांची के लोग प्रदूषित हवा व पानी से त्रस्त रहेंगे. यहां प्रदूषण बोर्ड है या नहीं.

Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य के जल स्रोतों व नदियों के अतिक्रमण और साफ-सफाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान लालपुर इलाके में गंदे पानी की आपूर्ति और बड़ा तालाब के पानी के प्रदूषित होने पर फिर तल्ख टिप्पणी की.

झारखंड सरकार का दावा हर वर्ष हो जाता है फेल

खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि आखिर कब तक रांची के लोग प्रदूषित हवा व पानी से त्रस्त रहेंगे? परेशानी झेलते रहेंगे. ऐसा लग रहा है कि राज्य में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कोई अस्तित्व नहीं है. खंडपीठ ने आगे कहा कि रांची में जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर वर्ष 2011 से जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है, सरकार की ओर से कई शपथ पत्र दायर कर राजधानी के लोगों को नियमित रूप से स्वच्छ पानी देने तथा गर्मी के मौसम में पानी की समस्या नहीं होने का दावा किया जाता रहा है, लेकिन यह दावा हर वर्ष फेल हो जाता है.

जलस्रोतों की सफाई का बार-बार किया जाता है दावा

रांची में कांके डैम, बड़ा तालाब जैसे जल स्रोत की सफाई का दवा किया जाता है, लेकिन हर छह माह के बाद फिर वही पानी में गंदगी की समस्या देखने को मिलती है. ऐसे में विशेषज्ञ से राय लेकर रांची के बड़ा तालाब सहित अन्य जल स्रोतों के पानी को शुद्ध बनाये रखने की पहल करनी चाहिए. इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने बताया कि सीवरेज का गंदा पानी नल में जलापूर्ति के साथ आ जा रहा है, जिसे जल्द ठीक कर लिया जायेगा. शहर में सीवरेज-ड्रेनेज बन रहा है.

कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए प्रधान सचिव और निगम के प्रशासक

सुनवाई के दौरान पेयजल व स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव और रांची नगर निगम के प्रशासक सशरीर उपस्थित थे. खंडपीठ ने लालपुर, सर्कुलर रोड स्थित अप्सरा होटल के पीछे न्यू कॉलोनी में गंदे पानी की आपूर्ति को रोकने तथा नियमित व स्वच्छ जलापूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही मॉनसून को देखते हुए नालियों की सफाई की भी जरूरत बतायी. खंडपीठ ने अगली सुनवाई के दौरान नगर विकास विभाग के सचिव को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 26 जून को होगी.

विधानसभा नियुक्ति मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने प्रार्थी, राज्य सरकार और झारखंड विधानसभा का पक्ष सुना.

याचिकाकर्ता ने की सीबीआई से जांच कराने की मांग

सभी पक्षों की दलील पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. साथ ही संबंधित पक्षों को 22 जून तक लिखित बहस प्रस्तुत करने को कहा. प्रार्थी की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता राजीव कुमार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया. वहीं, राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने प्रार्थी की दलील का विरोध किया.

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