आय से अधिक संपत्ति के मामले में बंधु तिर्की की झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई, लोअर कोर्ट से मांगा LCR
बंधु तिर्की की आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई के लिए अदालत ने नाै मई की तिथि निर्धारित की. सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता पीएएस पति उपस्थित थे.
हाइकोर्ट के जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में बंधु तिर्की की ओर से दायर अपील याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने निचली अदालत से ओरिजिनल लोअर कोर्ट रिकॉर्ड (एलसीआर) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने नाै मई की तिथि निर्धारित की. सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता पीएएस पति उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बंधु तिर्की ने अपील याचिका दायर कर सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत के सजा संबंधी आदेश को चुनाैती दी है.
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने 28 मार्च 2022 को पूर्व मंत्री व मांडर विधायक बंधु तिर्की को तीन वर्ष की सजा सुनायी थी व तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. बंधु तिर्की पर छह लाख 28 हजार 698 रुपये आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप सीबीआइ ने लगाया था.
प्रथम संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा की अभ्यर्थी को नहीं मिली राहत
हाइकोर्ट ने प्रथम जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व जेपीएससी का पक्ष सुना. सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने प्रार्थी को राहत देने से इनकार कर दिया. साथ ही अपील याचिका को खारिज कर दिया.
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से बताया गया कि एकल पीठ का आदेश उचित नहीं है. उसकी अतिरिक्त उत्तरपुस्तिका की जांच जेपीएससी ने नहीं की है. उसका मूल्यांकन कर अंक प्रदान किया जाना चाहिए. वहीं जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि प्रथम सिविल सेवा परीक्षा वर्ष 2006 में हुई थी, लेकिन प्रार्थी सुजाता कुमारी ने 2010 में याचिका दायर की थी.