झारखंड हाईकोर्ट: सीएम हेमंत सोरेन के खनन लीज मामले में अब सात जुलाई को होगी सुनवाई
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि इस मामले की सुनवाई छह सप्ताह के बाद होनी थी, लेकिन आज सूचीबद्ध हो गया है. प्रार्थी की ओर से राज्य सरकार के शपथ पत्र पर प्रतिउत्तर दायर किया जाना है.
रांची, राणा प्रताप: झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अनगड़ा में माइनिंग लीज व रिश्तेदारों को जमीन आवंटन के मामले में दायर जनहित याचिका पर आंशिक सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार व प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तिथि निर्धारित की.
सुप्रीम कोर्ट से पहले ही मिल चुकी है क्लीन चिट
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि इस मामले की सुनवाई छह सप्ताह के बाद होनी थी, लेकिन आज सूचीबद्ध हो गया है. प्रार्थी की ओर से राज्य सरकार के शपथ पत्र पर प्रतिउत्तर दायर किया जाना है. पिछली सुनवाई के राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया था कि अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर माइनिंग लीज आवंटन से संबंधित एक जनहित याचिका में सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है.
कानूनी प्रक्रिया का पालन कर हुआ आवंटित
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन व उनकी बहन सरला मुर्मू की कंपनी सोहराई लाइवस्टोक प्राइवेट लिमिटेड के नाम चान्हो के बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ जमीन जियाडा द्वारा कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए आवंटित हुआ था. जियाडा ने विज्ञापन प्रकाशित किया था. उसके आलोक में कंपनी ने आवेदन दिया. हेमंत सोरेन को भी जो माइनिंग लीज दिया गया था, उसमें भी सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था. उसी मामले को लेकर फिर से पीआइएल दायर की गयी है, जो मेंटेनेबल नहीं है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी आरटीआइ कार्यकर्ता व हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने जनहित याचिका दायर की है.