रांची : जेएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार ने झारखंड हाइकोर्ट को बताया कि इसी तरह के नियम दूसरे राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु आदि में लागू हैं. नियमावली पूरी तरह से संवैधानिक है.
यह नियमावली झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने तथा स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनायी गयी है. कोई भी यहां आकर मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई कर सकता है. साथ ही तृतीय व चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल हो सकता है. सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर कर जानकारी दी गयी है.
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल की ओर से दायर शपथ पत्र में न्यायालयों के फैसले का हवाला भी दिया गया है. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. खंडपीठ ने राज्य सरकार व प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. खंडपीठ ने प्रार्थी को सरकार के शपथ पत्र पर प्रति उत्तर दायर करने के लिए समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 16 फरवरी की तिथि निर्धारित की.
प्रार्थी रमेश हांसदा व कुशल की ओर से याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने जेएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन नियमावली को चुनौती दी है. इसमें मैट्रिक व इंटर परीक्षा राज्य के संस्थान से उत्तीर्ण होने संबंधी प्रावधान को असंवैधानिक बताया गया है. यह भी कहा गया है कि भाषा से हिंदी और अंग्रेजी को हटाना गलत है.
Posted By : Sameer Oraon