झारखंड हाईकोर्ट का निर्देश- सिविल जज जूनियर डिवीजन परीक्षा में प्रार्थियों का आवेदन स्वीकार करे JPSC

खंडपीठ ने जेपीएससी को छह सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से बताया गया कि यह परीक्षा पांच वर्ष बाद हो रही है

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2023 12:21 PM
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हाइकोर्ट ने सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रतियोगिता परीक्षा में उपरी उम्र सीमा में छूट को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व जेपीएससी का पक्ष सुना. खंडपीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए जेपीएससी को उपरी उम्र सीमा में छूट देते हुए प्रार्थियों का आवेदन (फिजिकल मोड में) स्वीकार करने का निर्देश दिया. जेपीएससी प्रार्थियों की परीक्षा भी ले. खंडपीठ ने यह भी कहा कि फाइनल रिजल्ट इस केस के अंतिम फैसले से प्रभावित होगी.

खंडपीठ ने जेपीएससी को छह सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से बताया गया कि यह परीक्षा पांच वर्ष बाद हो रही है. इस कारण उन लोगों की उम्र, जेपीएससी द्वारा निर्धारित उम्र सीमा से अधिक हो गयी है, जिसके चलते आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. उम्र सीमा में छूट देने का आग्रह किया गया.

जेपीएससी में संविदा पर कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मी शंकर प्रसाद को आठ सप्ताह में नियमित करने का दिया निर्देश

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने जेपीएससी में संविदा पर कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मी की सेवा नियमित करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी, राज्य सरकार व जेपीएससी का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार व जेपीएससी को आठ सप्ताह के अंदर प्रार्थी शंकर प्रसाद को नियमित करने का निर्देश दिया. अदालत ने इस बात पर नाराजगी जतायी कि प्रार्थी द्वारा सेवा नियमित करने को लेकर दिये गये आवेदन पर राज्य सरकार का कार्मिक विभाग व जेपीएससी एक दूसरे पर अपनी जवाबदेही थोप रहे हैं. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शशांक शेखर झा व अधिवक्ता सृष्टि सिन्हा ने पक्ष रखते हुए सेवा नियमित करने को लेकर उचित आदेश देने का आग्रह किया.

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