झारखंड हाईकोर्ट का निर्देश- रात के 10 से सुबह छह बजे तक नहीं बजे लाउडस्पीकर व डीजे
अधिवक्ता खुशबू कटारूका ने बताया कि रात 10 बजे के बाद भी शहर में डीजे व लाउडस्पीकर तेज साउंड में बजाया जाता है. इससे रात में लोगों को काफी परेशानी होती है.
झारखंड हाइकोर्ट ने रांची शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने कहा कि वह विस्तृत आदेश देगी. खंडपीठ ने माैखिक रूप से राज्य सरकार को निर्देश दिया कि रात 10 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक लाउडस्पीकर अथवा डीजे नहीं बजना चाहिए. नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर कार्रवाई की जाये. पर्व-त्योहार जैसे विशेष धार्मिक आयोजनों के दौरान जिला प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद ही रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की छूट दी जा सकती है.
राजधानी रांची के सभी थाना क्षेत्रों में पीसीआर वैन का नंबर जारी करें, जिससे ध्वनि प्रदूषण के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर प्रभावित लोग उसकी शिकायत कर सकें और पीसीआर त्वरित कार्रवाई सके. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारूका ने बताया कि रात 10 बजे के बाद भी शहर में डीजे व लाउडस्पीकर तेज साउंड में बजाया जाता है. इससे रात में लोगों को काफी परेशानी होती है. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने बताया कि राजधानी में अलग-अलग जगहों पर साइलेंस जोन में ध्वनि का अलग-अलग मानक निर्धारित किया गया है. आवासीय क्षेत्र में 55 डेसिबल, इंडस्ट्रियल एरिया में 75 डेसिबल, हाइकोर्ट के आसपास 50 डेसिबल आदि ध्वनि के मानक निर्धारित किये गये हैं.
अस्पतालों के 50 मीटर की परिधि को साइलेंस जोन बनाया गया है. लाउडस्पीकर व डीजे संचालकों के साथ जिला प्रशासन की बैठक हुई है. उन्हें नियमों की जानकारी दे दी गयी है. उल्लंघन करने पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. रात 10 बजे के बाद कोई भी लाउडस्पीकर या डीजे नहीं बजाया जाना चाहिए, अन्यथा कार्रवाई की जायेगी. यह भी बताया गया कि ध्वनि प्रदूषण नियम का उल्लंघन करने पर इस वर्ष जनवरी से मई माह तक पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. उनका साउंड सिस्टम भी जब्त किया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड सिविल सोसाइटी की कोर कमेटी के सदस्य विकास कुमार सिंह ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि शहर में बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला, मैरेज हॉल में लाउडस्पीकर व डीजे के साथ साढ़े दस बजे रात के बाद बारात लगने से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. इससे लोग परेशान होते हैं. इस पर रोक लगनी चाहिए.