झारखंड हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम द्वारा ट्रेड लाइसेंस के नाम पर भारी रकम वसूली से संबंधित खबर को गंभीरता से लिया. जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कड़ी नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने महाधिवक्ता राजीव रंजन को निर्देश दिया : हम इस मामले की सुनवाई को बुधवार तक के लिए स्थगित करते हैं.
यह उम्मीद करते हुए कि महाधिवक्ता राज्य सरकार के मुख्य सचिव तथा नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक करेंगे. साथ ही महाधिवक्ता सुनवाई की अगली तारीख पर कोर्ट को उठाये गये कदमों से अवगत करायेंगे. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 13 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की.
Also Read: गुवा गोलीकांड की बरसी: सीएम हेमंत सोरेन ने वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि,बोले-शहीदों के सपनों का बनाएंगे झारखंड
खंडपीठ ने छह सितंबर को इंफोर्समेंट टीम की अवैध वसूली से संबंधित समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए उसे रिकॉर्ड पर लिया. इसमें कहा गया है कि रांची नगर निगम के प्रवर्तन अधिकारी ट्रेड लाइसेंस के नाम पर भारी रकम वसूलने की कोशिश कर रहे थे. खंडपीठ द्वारा सुनवाई के दौरान उपस्थित महाधिवक्ता को मामले को देखने का अनुरोध किया गया. प्रतिवादी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि समाचार पत्र में छपी घटना को लेकर पुलिस ने सनहा दर्ज कर लिया है. मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
दोषी अधिकारियों को वापस बुला लिया गया है. एमीकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि रांची नगर निगम पर पहले भी भ्रष्टाचार और कदाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. आरआरडीए के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये गये. कई अधिकारियों को जेल भी जाना पड़ा है.