झारखंड हाईकोर्ट: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मामले में अब सात जुलाई को होगी सुनवाई
प्रार्थी राजकुमार ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है. लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग, पुलिस शिकायत अथॉरिटी सहित लगभग 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष व सदस्यों का पद खाली है.
रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर दायर अवमानना याचिका सहित अन्य जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तिथि निर्धारित की.
अब 7 जुलाई को होगी सुनवाई
इससे पूर्व राज्य सरकार व विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल को पक्ष रखना था. उनकी ओर से अधिवक्ता ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खंडपीठ को बताया कि कपिल सिब्बल अमेरिका में हैं. वे बीमार हैं. उनका इलाज चल रहा है. इसलिए समय देने का आग्रह किया गया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. अवमानना याचिकाकर्ता राजकुमार की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र व झारखंड विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार उपस्थित थे. पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दो बिंदु तय करते हुए जानना चाहा था कि कोई राजनीतिक दल यदि नेता प्रतिपक्ष के लिए किसी का नाम देता है और उसके खिलाफ दल-बदल का मामला चल रहा हो, तो वैसे मामले में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता दी जा सकती है या नहीं तथा नेता प्रतिपक्ष के मामले में हाईकोर्ट विधानसभाध्यक्ष को निर्देश दे सकता है या नहीं.
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हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने की मांग
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजकुमार ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है. लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग, पुलिस शिकायत अथॉरिटी सहित लगभग 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष व सदस्यों का पद खाली है. इन पदों को भरने को लेकर एडवोकेट एसोसिएशन व अन्य की ओर से अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गयी है, जिसकी सुनवाई साथ-साथ हो रही है.