Jharkhand High Court: रांची-झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने राज्य में नगर निगम और निकाय चुनाव मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी, राज्य सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग व भारत निर्वाचन आयोग (इसीआइ) का पक्ष सुना. अदालत ने भारत निर्वाचन आयोग के शपथ पत्र को देखने के बाद कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में उपयोग किया गया वोटर लिस्ट ही अपडेटेड वोटर लिस्ट है, जिसके आधार पर नगर निकाय चुनाव कराया जा सकता है.
वार्डवार वोटर लिस्ट अलग कर चुनाव की अधिसूचना की जाएगी जारी
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया कि भारत निर्वाचन आयोग से वोटर लिस्ट मिल गयी है. उसके आधार पर वह चुनाव में आगे बढ़ेगा. वार्डवार वोटर लिस्ट अलग कर चुनाव की अधिसूचना जारी की जायेगी. वार्डवार वोटरलिस्ट तैयार करने में कम से कम 75 दिन लग जायेंगे. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा. इससे पूर्व भारत निर्वाचन आयोग की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया कि 13 जनवरी को ही लेटेस्ट पुनरीक्षित वोटरलिस्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी गयी थी. इस वोटरलिस्ट से झारखंड में नवंबर माह में विधानसभा का चुनाव कराया गया है. देश के चार राज्यों जैसे हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र व जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराया गया है. इन राज्यों में एक अप्रैल 2025 तक वोटरलिस्ट का कोई पुनरीक्षण नहीं होना है. इसलिए 13 जनवरी को सौंपी गयी वोटरलिस्ट, जो एक अक्तूबर 2024 तक पुनरीक्षित है, के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग नगर निकाय का चुनाव करा सकता है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने पैरवी की, जबकि प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पक्ष रखा.
एकल पीठ के आदेश का पालन कराने की मांग की गयी थी
प्रार्थी रोशनी खलखो व अन्य की ओर से अवमानना याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश का पालन कराने की मांग की गयी है. एकल पीठ ने चार जनवरी 2024 को तीन सप्ताह के अंदर नगर निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था. पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से नगर निकाय चुनाव कराने के लिए चार माह का समय की मांग की गयी थी.