रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने कोर्ट फीस में भारी बढ़ोतरी को चुनौती देनेवाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 20 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया.
महाधिवक्ता राजीव रंजन व अपर महाधिवक्ता जयप्रकाश ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि कोर्ट फीस अमेंडमेंट एक्ट में सुधार को लेकर राजस्व बोर्ड के सदस्य की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. इसमें वित्त विभाग के प्रधान सचिव व विधि विभाग के प्रधान सचिव को सदस्य बनाया गया है. समिति शीघ्र अपनी रिपोर्ट देगी.
इस पर प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने पक्ष रखते हुए कहा कि समिति की रिपोर्ट शीघ्र कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जानी चाहिए. यदि सरकार की इच्छा कोर्ट फीस में सुधार के बारे में सकारात्मक नहीं रहती है, तो मामले की फाइनल सुनवाई की जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने जनहित याचिका दायर की है. कोर्ट फीस संशोधित एक्ट-2021 को चुनौती दी गयी है. याचिका में कहा गया है कि कोर्ट फीस में भारी वृद्धि की गयी है. इससे समाज के गरीब तबके के लोग कोर्ट नहीं आ पायेंगे. लोगों को सहज व सुलभ न्याय दिलाना संभव नहीं रहेगा. झारखंड में वकालतनामा पर फीस बढ़ाने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है.