झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर ने एमवीआइ की नियमित नियुक्ति के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर नहीं किये जाने पर कड़ी नाराजगी जतायी. नाराज अदालत ने परिवहन सचिव के श्रीनिवासन के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
अदालत ने रांची के एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से वारंट का तामीला करने का निर्देश देते हुए कहा कि के श्रीनिवासन को 17 अप्रैल को दिन के 1.15 बजे अदालत में पेश किया जाये. हाइकोर्ट के आदेश पर वारंट लेकर तामिला के लिए शनिवार को प्रभारी एसएसपी नौशाद आलम उनके कार्यालय पहुंचे. उन्हें वारंट जारी होने की जानकारी दी, जिसके बाद परिवहन सचिव को जमानत दी गयी.
परिवहन सचिव की ओर से उनकी जमानत परिवहन विभाग में अवर सचिव के पद पर पदस्थापित संजय कुमार सिन्हा ने 10 हजार के मुचलके पर ली है. इसका आश्वासन देते हुए कि वह समय पर परिवहन सचिव को न्यायालय में उपस्थित करने में सहयोग करेंगे. ऐसा नहीं करने पर वह जिम्मेदार होंगे. पुलिस की ओर से वारंट तामिला किये जाने की जानकारी न्यायालय को भी दे दी गयी है.
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कृष्ण मुरारी ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि अदालत के आदेश के बावजूद परिवहन सचिव द्वारा जवाब दायर नहीं किया जा रहा है. एमवीआइ की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गयी है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के शपथ पत्र को देखते हुए अदालत ने एमवीआइ के रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था.
पेयजल व स्वच्छता तथा जल संसाधन विभाग के 15 जूनियर इंजीनियरों को एमवीआइ के पद पर रखा गया है. जल संरक्षण व पेयजल के लिए नियुक्त होनेवाले इंजीनियर एमवीआइ के रूप में वाहनों का फिटनेस जांचते हैं. वाहन मालिकों को सर्टिफिकेट देते हैं, जबकि एमवीआइ के पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री का होना अनिवार्य है. राज्य में सिर्फ तीन रेगुलर एमवीआइ मुकेश कुमार, विजय गौतम व शाहनवाज खान कार्यरत है. एक-एक एमवीआइ को कई जिलों में अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है. राज्य में एवीआइ के 49 पद स्वीकृत हैं.