रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने रांची नगर निगम के अफसरों को जोरदार फटकार लगायी है. दरअसल कल अदालत में हिनू में नाले का पानी घर में घुस जाने को लेकर दायर याचिका सुनवाई पर हुई. जिसमें चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि आपलोगों की प्लानिंग सही नहीं है. शहर में ट्रैफिक, नाली और नालों की स्थिति ठीक नहीं है. कई जगह नाले खुले हैं. आपकी कोई योजना सफल नहीं होती है.
अदालत ने कहा कि जमीन के उतार-चढ़ाव को देखते हुए नाले के निर्माण की योजना बनानी चाहिए. बिना रिसर्च के ही नालों का निर्माण कर देने से लोगों के घरों में पानी घुस रहा है. अदालत ने कैजुअल तरीके से रिपोर्ट दाखिल करने पर निगम के कार्यपालक अभियंता को फटकार लगायी. अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
कोर्ट के आदेश पर नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त कुंवर पाहन, मुख्य अभियंता और कार्यपालक अभियंता कोर्ट में पेश हुए. वहीं, कोर्ट में नगर आयुक्त के उपस्थित नहीं होने पर अदालत ने नाराजगी जतायी और पूछा कि वे क्यों नहीं आये. इस पर बताया गया कि नगर आयुक्त शैक्षणिक टूर पर इटली गये हैं.
सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से बताया गया कि इंद्रा पैलेस से लेकर भुसूर नदी और वहां से हिनू नदी तक पहले नाला था, लेकिन वह गायब हो गया है. अब उक्त नाले को फिर से चालू करने की योजना है. पीडब्ल्यूडी कार्यालय, ओल्ड पीएचइडी कॉलोनी और शिवपुरी कॉलोनी से पानी की निकासी की जायेगी. इस पर 2.25 करोड़ खर्च होने हैं. तकनीकी स्वीकृति के बाद 22 जून को नगर विकास विभाग को अनुमति के लिए भेजा गया है. अदालत ने कहा कि पीडब्ल्यूडी कोड के अनुसार, नयी सड़क बनाने के पहले पुरानी सड़क को उखाड़ देना है, लेकिन सड़क पर नया लेयर चढ़ा दिया जाता है. इससे कुछ दिनों बाद मकान सड़क के नीचे नजर आने लगते हैं. इस पर भी ध्यान देना चाहिए.
Posted By: Sameer Oraon