हजारीबाग के DFO व DMO को झारखंड हाईकोर्ट का नोटिस, 28 फरवरी को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश

मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 28 फरवरी को दिन के 10.30 बजे का समय निर्धारित किया. उस दिन डीएफओ व डीएमओ को सशरीर उपस्थित रहने को कहा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 21, 2023 9:44 AM

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने बालू लदे ट्रैक्टर को छोड़ने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने नाराजगी जताते हुए हजारीबाग के डीएफओ व डीएमओ सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. अदालत ने पूछा कि पांच साल से बालू लदे ट्रैक्टर जब्ती मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. इतने लंबे समय तक क्यों बैठे रहे.

एक ट्रैक्टर को छोड़ दिया गया और प्रार्थी के ट्रैक्टर को छोड़ा नहीं गया, इसे स्पष्ट करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 28 फरवरी को दिन के 10.30 बजे का समय निर्धारित किया. उस दिन डीएफओ व डीएमओ को सशरीर उपस्थित रहने को कहा गया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि एक ही मामले में दो तरह की कार्रवाई की गयी है.

एक व्यक्ति का जब्त ट्रैक्टर छोड़ दिया गया, जबकि दूसरे का नहीं छोड़ा गया. वर्ष 2017 में हजारीबाग में हाशिम अंसारी सहित चार लोगों का बालू लदा ट्रैक्टर जब्त किया गया था. इसके बाद मामला भी दर्ज किया गया. ट्रैक्टर को लेकर प्रार्थी हाशिम अंसारी व मो रउफ की ओर से अलग-अलग रिवीजन याचिका दायर की गयी थी.

मो रउफ के मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए हजारीबाग के डीएफओ को निर्देश दिया था कि यदि प्रार्थी के ट्रैक्टर जब्ती मामले में प्रोसिडिंग शुरू नहीं हुई है, तो आदेश पारित किया जाये. इसके बाद मो रउफ का ट्रैक्टर छोड़ दिया गया, जबकि हाशिम अंसारी के मामले में यह कहते हुए ट्रैक्टर नहीं छोड़ा गया कि ट्रैक्टर की जब्ती प्रोसिडिंग वर्ष 2018 में शुरू हो गयी थी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी हाशिम अंसारी ने याचिका दायर की है.

Next Article

Exit mobile version