झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर बना था मॉडल ओल्ड एज होम, खिड़की-दरवाजे उखाड़ ले गये चोर

राज्य सरकार ने वृद्धाश्रम निर्माण के लिए 3,82,52,500 रुपये की स्वीकृति दी थी. ओल्ड एज होम में प्रथम चरण में 50 बेड की सुविधा उपलब्ध करायी जानी है. बाद में 50 बेड और बढ़ाये जाने की योजना है

By Prabhat Khabar News Desk | February 15, 2024 9:50 PM

राणा प्रताप/उत्तम महतो, रांची:

झारखंड में सरकारी योजनाओं की घोषणा और उसके क्रियान्वयन की अगर बानगी देखनी है, तो रांची के चिराैंदी स्थित मॉडल ओल्ड एज होम इसका उदाहरण है. आठ साल पहले बेसहारा वृद्धों को आश्रय देने के लिए झारखंड हाइकोर्ट ने एक जनहित याचिका में सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार को वृद्धाश्रम बनाने का आदेश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने चिराैंदी में एक एकड़ जमीन का चयन किया. करोड़ों रुपये खर्च कर वृद्धाश्रम का निर्माण किया गया. आज यह खंडहर में तब्दील हो गया है. चोरों ने मॉडल ओल्ड एज होम के खिड़की-दरवाजे, चौखट व बिजली वायरिंग तक उखाड़ लिये हैं. यह रहने लायक नहीं रह गया है. यह भवन अब शराबियों-जुआरियों व अपराधियों का अड्डा बन गया है. 15 अगस्त 2016 को हरिहर सिंह रोड निवासी वेद नारायण गाैड़ (102 वर्ष) से इसकी आधारशिला रखवायी गयी थी.

प्रथम चरण में 50 बेड की सुविधा उपलब्ध करानी है

राज्य सरकार ने वृद्धाश्रम निर्माण के लिए 3,82,52,500 रुपये की स्वीकृति दी थी. ओल्ड एज होम में प्रथम चरण में 50 बेड की सुविधा उपलब्ध करायी जानी है. बाद में 50 बेड और बढ़ाये जाने की योजना है. हालांकि, भवन बनने के बाद यहां वृद्धाश्रम का संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है.

जस्टिस वीरेंदर सिंह और जस्टिस चंद्रशेखर ने दिया था आदेश

चिराैंदी में बनने वाले मॉडल ओल्ड एज होम के आधार पर राज्य के सभी जिलों में ओल्ड एज होम बनाया जाना था. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश भी दिया था. ओल्ड एज होम में बुजुर्गों के रहने से संबंधित सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया था. तत्कालीन चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस (वर्तमान में एक्टिंग चीफ जस्टिस ) एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने 29 जून 2016 को सुनवाई करते हुए कहा था कि उन्होंने मेलबोर्न के ओल्ड एज होम को देखा है. वहां जो सुविधाएं बुजुर्गों को मिल रही हैं, वैसी सुविधाएं यहां भी दी जा सकती हैं. बिल्डिंग में लिफ्ट व लॉन में बैठने की व्यवस्था हो. एक कमरे में आठ से अधिक बेड नहीं होने चाहिए.

दायर हुई थी जनहित याचिका

झारखंड सीनियर सिटीजन एडवोकेट्स एसोसिएशन ने जनहित याचिका दायर की थी. याचिका के माध्यम से राज्य में द मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट-2007 (माता-पिता ओर वरिष्ठ नागरिक रख रखाव, कल्याण अधिनियम) को लागू करने की मांग की गयी थी. वहीं, राज्य सरकार ने चिराैंदी में एक एकड़ जमीन पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त ओल्ड एज होम के निर्माण का निर्णय लिया था.

ओल्ड एज होम बन गया है, लेकिन विभाग से इसके संचालन का आदेश नहीं आ पाया था. भवन मरम्मत की प्रक्रिया शुरू है. इसके संचालन के लिए संस्था का भी चयन हो गया है. मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद संस्था इसका संचालन करेगी.

राहुल कुमार सिन्हा, उपायुक्त, रांची

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