झारखंड हाईकोर्ट का आदेश- राज्य के जलस्रोतों से अतिक्रमण हटायें, कूड़ा-कचरा जाने से रोकें
खंडपीठ ने कहा कि रांची के जलस्रोतों जैसे गेतलसूद डैम, कांके डैम, हटिया डैम, हरमू नदी, हिनू नदी की जमीन पर यदि कोई अतिक्रमण है, तो उसे अविलंब हटाया जाये.
झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य की नदियों व जलस्रोतों के अतिक्रमण व रांची के तालाबों की साफ-सफाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार व रांची नगर निगम को सख्त निर्देश दिया.
खंडपीठ ने कहा कि रांची के जलस्रोतों जैसे गेतलसूद डैम, कांके डैम, हटिया डैम, हरमू नदी, हिनू नदी की जमीन पर यदि कोई अतिक्रमण है, तो उसे अविलंब हटाया जाये. साथ ही जलस्रोतों में कूड़ा-कचरा जाने से रोका जाये. इसका प्रबंध किया जाये, ताकि कचरा जलस्रोतों में नहीं जाये. खंडपीठ ने राज्य सरकार व रांची नगर निगम को पूर्व के आदेश का पालन करते हुए स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया.
मामले की अगली सुनवाई के दाैरान नगर आयुक्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी. इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि नगर निगम क्षेत्र में आनेवाले जलस्रोतों के आसपास अतिक्रमण हटाने को लेकर कई कदम उठाये गये हैं.
जलस्रोतों में किसी तरह का कचरा नहीं जाये, इस उद्देश्य से लोगों के बीच पंपलेट बांट कर, विज्ञापन के माध्यम से जागरूक किया गया है. बड़ा तालाब में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का सिविल वर्क लगभग 65 प्रतिशत तथा मैकेनिकल कार्य 35 प्रतिशत पूरा हो चुका है. वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने पक्ष रखा.