झारखंड हाइकोर्ट ने प्रथम व द्वितीय जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की सीबीआइ जांच व राज्य सरकार की ओर से दायर अपील याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सीबीआइ द्वारा प्रस्तुत 2014 की स्टेटस रिपोर्ट को देखा. इसके बाद सीबीआइ के एसपी को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन जुड़ने का निर्देश दिया. बाद में सीबीआइ पटना के डीआइजी वर्चुअल उपस्थित हुए.
खंडपीठ ने सीबीआइ डीआइजी को दो सप्ताह का समय देते हुए 30 अगस्त तक जांच की स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया. खंडपीठ ने डीआइजी से पूछा कि जांच आज किस स्टेज में है. यह भी बताने को कहा कि किन-किन आरोपियों के खिलाफ कब-कब अभियोजन की स्वीकृति मांगी गयी है. शपथ पत्र के माध्यम से अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए छह सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व नियुक्त अधिकारियों की ओर से बताया कि उनकी नियुक्ति हो चुकी है.
राज्य सरकार ने उनकी सेवा को संपुष्ट भी किया है तथा लगातार प्रोन्नति भी दी है. वैसी स्थिति में राज्य सरकार की अपील याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बुद्धदेव उरांव व पवन कुमार चाैधरी ने जनहित याचिका दायर कर जेपीएससी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की थी. वहीं राज्य सरकार की ओर से अपील याचिका दायर कर 19 अधिकारियों के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी है.
हाइकोर्ट ने झारखंड विधानसभा में 150 से अधिक अवैध नियुक्तियों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने विधानसभा सचिव का पक्ष सुनने के बाद समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया. खंडपीठ ने जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विधानसभा सचिव को समय प्रदान किया. खंडपीठ ने जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की एक सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट अगली सुनवाई के पूर्व प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई चार अक्तूबर को होगी.