झारखंड हाइकोर्ट ने कोरोना से लड़ने के इंतजाम पर हेमंत सोरेन सरकार से 3 जुलाई तक मांगा जवाब
झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार (5 जून, 2020) को कोरोना वायरस से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद हेमंत सोरेन की सरकार को 3 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा. खंडपीठ ने सरकार से जानना चाहा कि देश के अलग-अलग कोने से आ रहे प्रवासी श्रमिकों की जांच और उनके इलाज के क्या इंतजाम किये गये हैं.
रांचीः झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार (5 जून, 2020) को कोरोना वायरस से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद हेमंत सोरेन की सरकार को 3 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा. खंडपीठ ने सरकार से जानना चाहा कि देश के अलग-अलग कोने से आ रहे प्रवासी श्रमिकों की जांच और उनके इलाज के क्या इंतजाम किये गये हैं.
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कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनकी स्वास्थ्य जांच के लिए सरकार ने क्या-क्या व्यवस्था की है. साथ ही जानलेवा कोरोना वायरस से लड़ रहे राज्य डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के क्या इंतजाम किये गये हैं. ज्ञात हो कि राज्य के बड़े वकील इंद्रजीत सिन्हा ने पिछले दिनों झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़े कई सवाल उठाये थे.
एडवोकेट इंद्रजीत सिन्हा ने हाइकोर्ट को बताया था कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी आधारभूत संरचनाओं का घोर अभाव है. यहां तक कि इस बीमारी के मरीजों की जांच करने वाले डॉक्टरों के लिए पीपीइ किट तक के इंतजाम सरकार ने नहीं किये हैं. श्री सिन्हा के इस पत्र को ही मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने जनहित याचिका में तब्दील करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था. इसी मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में सभी पक्ष अपने-अपने घर से कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुए. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने अपने कांके रोड स्थित आवास से इस केस की सुनवाई की, जबकि खंडपीठ के एक अन्य न्यायाधीश जस्टिस सुदीप नारायण प्रसाद अपने डोरंडा स्थित आवास से इस याचिका की सुनवाई में शामिल हुए. सरकार का पक्ष रख रहे महाधिवक्ता राजीव रंजन अपने अशोक नगर के रोड नंबर 1 स्थित आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपनी दलीलें रखीं.
झारखंड हाइकोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखने वाले एडवोकेट राजीव सिन्हा अपने कडरू स्थित आवास से इस केस की सुनवाई में शामिल हुए, तो रिम्स के वकील डॉ अशोक कुमार सिंह हरमू स्थित अपने आवास से कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुए. वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, जिनकी चिट्ठी को चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था, लालपुर के वर्धमान कंपाउंड से कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुए. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कार्यवाही 3 जुलाई तक स्थगित कर दी.
Posted By : Mithilesh Jha