झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने एक 15 साल की लड़की को शादी की अनुमति दे दी है. हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (Muslim Personal Law) का हवाला देते हुए अपना फैसला सुनाया. जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने यह फैसला दिया है. इसके साथ ही जस्टिस द्विवेदी ने जमशेदपुर (Jamshedpur) से सटे जुगसलाई (Jugsalai) की एक 15 साल की लड़की से शादी करने वाले युवक के खिलाफ की गयी निचली अदालत की कार्रवाई को निरस्त कर दिया.
15 साल की लड़की कर सकती है अपनी पसंद के लड़के से निकाह
झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत 15 साल की लड़की अपनी पसंद के लड़के से निकाह कर सकती है. उस पर कोई बंदिश नहीं है. बता दें कि लड़की के पिता ने बिहार (Bihar) के नवादा जिला (Nawada District) निवासी मोहम्मद सोनू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. पिता ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर उससे निकाह किया गया है. मोहम्मद सोनू ने इस प्राथमिकी को हाईकोर्ट में चुनौती दी. क्वैशिंग याचिका दाखिल की.
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लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में दिया शपथ पत्र
हालांकि, बाद में लड़की के पिता ने कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर कहा कि उसे इस निकाह से कोई दिक्कत नहीं है. गलतफहमी की वजह से उसने सोनू के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी थी. सुनवाई के दौरान ही लड़की के वकील ने कोर्ट को बताया कि दोनों परिवारों ने इस निकाह को मंजूरी दे दी है. इसके बाद जस्टिस द्विवेदी की खंडपीठ ने सोनू के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दिया था ऐसा ही आदेश
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट भी कह चुका है कि युवावस्था प्राप्त करने के बाद लड़की अपनी मर्जी से किसी से निकाह कर सकती है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने मुस्लिम रीति-रिवाज से विवाह करने वाले मुस्लिम जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था. इस जोड़े ने मार्च 2022 में निकाह किया था. अगस्त 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया.