झारखंड सचिवालय घेराव मामले में गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे को हाइकोर्ट से राहत, पीड़क कार्रवाई पर रोक
रांची में 11 अप्रैल को सचिवालय घेराव मामले में आरोपी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे को झारखंड हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने प्रार्थी की क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई के बाद पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगा दी.
रांची में 11 अप्रैल को सचिवालय घेराव मामले में आरोपी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे को झारखंड हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने प्रार्थी की क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई के बाद पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगा दी. मामले की सुनवाई के लिए अदालत ने 12 जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव व अधिवक्ता पार्थ जालान ने पैरवी की.
उन्होंने पक्ष रखते हुए बताया कि अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत शांतिपूर्ण तरीके से घेराव कार्यक्रम में शामिल हुए थे, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें आरोपी बना दिया है. उन्होंने प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डॉ सांसद निशिकांत दुबे ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर कर धुर्वा थाना में कांड संख्या-107/2023 के तहत दर्ज प्राथमिकी को चुनाैती दी है.
मामले में निशिकांत दुबे के अलावा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, सांसद समीर उरांव, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी, विधायक अमित मंडल सहित 41 नामजद व कई अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. सचिवालय घेराव कार्यक्रम का आयोजन भाजपा की ओर से किया गया था.
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