झारखंड हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण मामले में शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की. जहां अदालत ने झारखंड सरकार को शपथ पत्र दाखिल नहीं करने की वजह से कड़ी फटकार लगायी. कोर्ट ने कड़ी चेतावनी देते हुए राज्य सरकार को कहा कि किसी भी हाल में रांची शहर में रात 10 बजे के बाद लाउड स्पीकर नहीं बजना चाहिए. अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें. आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई डॉ एस एन पाठक की अदालत में हुई. मामले की सुनवाई के दौरान रांची के डीसी, एसएसपी व ट्रैफिक एसपी और महाधिवक्ता राजीव रंजन मौजूद थे.
इससे पहले अदालत ने सरकार द्वारा शपथ पत्र दाखिल नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट ने मौखक रूप से कहा कि ध्वनि प्रदूषण के रोकथाम के लिए क्या क्या कदम उठाये जा रहे हैं, इस मामले में अभी तक कोई भी जानकारी कोर्ट को नहीं दी गयी है, जबकि पिछली सुनवाई में ही इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा गया था.
जिस पर रांची डीसी ने कहा कि हाईकोर्ट के आसपास और अशोकनगर में साइलेंस जोन को लेकर होडिंग लगाए गए हैं. अब तक इस मामले में ध्वनि प्रदूषण को लेकर 8 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की समस्या तो पूरे रांची में है इसलिए पूरे शहर में ध्वनि प्रदूषण को लेकर अभियान चलाया जाना चाहिए.
झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान उपस्थित सभी पदाधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन हो रहा है या नहीं. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को निर्धारित की है. आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है कि हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण के मामले में तल्ख टिप्पणी की है इससे पहले भी कई बार हाईकोर्ट ने राज्य के आला अफसरों से कड़े सवाल पूछे हैं.