झारखंड हाईकोर्ट की RIMS को फटकार, बोला- कोर्ट के साथ शतरंज खेल रहे क्या, तुरंत करें खाली पदों पर बहाली
झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स की बदहाल व्यवस्था पर कड़ी फटकार लगायी है,उन्होंने कहा है कि रिम्स कोर्ट के साथ शतरंज खेल रहा है क्या. जब 70 से 80 प्रतिशत रिक्त हैं तो वहां पर काम कैसे चल रहा है
Rims Ranchi News रांची : कमाने खाने का धंधा बन गया है, रिम्स को क्लीन करना जरूरी हो गया है. रिम्स कोर्ट के साथ शतरंज खेल रहा है क्या. रिम्स में लगभग 70 से 80 प्रतिशत पद रिक्त हैं, तो वहां पर काम कैसे चल रहा है. ऐसे में व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. तीन अप्रैल 2020 को यह केस शुरू हुआ था.
रिम्स को कई बार रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया गया, लेकिन प्रोफेसर के सिंगल पदों को छोड़कर आज तक सभी पदों को भरने की कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करना अवमानना के दायरे में आता है. यह मौखिक टिप्पणी झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को रिम्स के एफिडेविट में अस्पष्ट जवाब पर कड़ी नाराजगी जताते हुए की.
झारखंड हाइकोर्ट रिम्स में इलाज की लचर व्यवस्था को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज पीआइएल पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई कर रही थी. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थित होकर खंडपीठ के सवालों का जवाब दिया. रिम्स की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने पैरवी की. उन्होंने कोरोना वायरस के वैरिएंट का पता लगाने के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन की खरीदारी के बारे में भी जानकारी दी.
जब वैकेंसी है, तो आउटसोर्सिंग क्यों :
रिम्स के जवाब पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि जब वैकेंसी है, तो आउटसोर्स क्यों किया जायेगा. कोर्ट ने रिम्स में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के 300 से अधिक पदों सहित सारे रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए तुरंत विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया. हाइकोर्ट ने कहा कि रिम्स बड़ा संस्थान है. जरूरत के मुताबिक पदों का सृजन होना चाहिए. खंडपीठ ने राज्य सरकार को जल्द रोस्टर क्लीयरेंस करने और नये पदों के सृजन के रिम्स के प्रस्ताव पर स्वीकृति देने को कहा.
Posted By : Sameer Oraon