Covid19 पर हेमंत सोरेन सरकार को झारखंड हाइकोर्ट की फटकार, चीफ जस्टिस बोले : भारी अव्यवस्था की ओर इशारा कर रहे हालात
Jharkhand News, Ranchi News, Covid19 in Jharkhand, Jharkhand High Court, Hemant Soren: रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण से निबटने के लिए राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त व्यवस्था नहीं किये जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की. कोर्ट ने कहा कि राज्य में वर्तमान हालात भारी अव्यवस्था की ओर इशारा कर रहे हैं. झारखंड हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने हाइकोर्ट के खाली भवन को आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव सरकार को दिया.
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण से निबटने के लिए राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त व्यवस्था नहीं किये जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की. कोर्ट ने कहा कि राज्य में वर्तमान हालात भारी अव्यवस्था की ओर इशारा कर रहे हैं. झारखंड हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने हाइकोर्ट के खाली भवन को आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव सरकार को दिया.
मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की. मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘अब तक सरकार यह दावा कर रही थी कि राज्य में पर्याप्त डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी हैं. जांच के लिए पर्याप्त सुविधा है, लेकिन जो हालात नजर आ रहे हैं, वह डराने वाले हैं.’
आज यह मामला सुनवाई के लिए निर्धारित नहीं है. इसलिए हम इस पर कोई न्यायिक आदेश नहीं दे रहे हैं, लेकिन हालात को देखते हुए अपनी चिंता से सरकार को अवगत करा रहे हैं. उम्मीद है कि 31 जुलाई को संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सरकार वस्तु स्थिति से अवगत करायेगी.
जस्टिस डॉ रवि रंजन, चीफ जस्टिस, झारखंड हाइकोर्ट
पीठ ने कहा, ‘राज्य में स्थिति यह है कि उच्च न्यायालय के कुछ कर्मचारियों के कोविड-19 जांच के नमूने 15 जुलाई को ट्रूनेट मशीन से लिये गये थे, लेकिन आज तक उनकी रिपोर्ट नहीं मिली है.’ उन्होंने कहा, ‘उच्च न्यायालय में स्वास्थ्य सचिव से लेकर सभी अधिकारी किसी भी हालात से निबटने के लिए तैयार रहने की बात करते रहे, लेकिन वर्तमान हालात तो भारी अव्यवस्था की तरफ इशारा कर रहे हैं.’
पीठ ने उच्च न्यायालय के खाली भवन को उच्च न्यायालय के तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाने, न्यायाधीशों के लिए अतिथि गृह को आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव भी सरकार को दिया. इसके अलावा न्यायिक अकादमी के खाली भवन का उपयोग भी आइसोलेशन सेंटर के रूप में करने का प्रस्ताव सरकार को दिया.
यह मामला 24 जुलाई, 2020 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं था, लेकिन एक दूसरे मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने महाधिवक्ता से कहा, ‘आज यह मामला सुनवाई के लिए निर्धारित नहीं है. इसलिए हम इस पर कोई न्यायिक आदेश नहीं दे रहे हैं, लेकिन हालात को देखते हुए अपनी चिंता से सरकार को अवगत करा रहे हैं. उम्मीद है कि 31 जुलाई को संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सरकार वस्तु स्थिति से अवगत करायेगी.’
Posted By : Mithilesh Jha