सबकुछ ठीक-ठाक रहे, तो 10 दिन में पास करें भवन का नक्शा: झारखंड हाईकोर्ट
सॉफ्टवेयर के प्रत्येक चरण के साथ नक्शा स्वीकृति की तकनीकी जानकारी देते हुए संशोधन के लिए सुझाव भी दिया. समिति का जवाब सुनने के बाद खंडपीठ ने रांची नगर निगम व आरआरडीए में नक्शा पास करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्देश दिया
झारखंड हाईकोर्ट ने रांची नगर निगम व रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) में नक्शा पास करने के लिए अवैध राशि वसूली को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई की. जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान छह सदस्यीय अधिवक्ताओं की समिति द्वारा आरआरडीए व रांची नगर निगम के नक्शा सॉफ्टवेयर बीपीएएमएस के अवलोकन की जानकारी दी गयी.
उन्होंने सॉफ्टवेयर के प्रत्येक चरण के साथ नक्शा स्वीकृति की तकनीकी जानकारी देते हुए संशोधन के लिए सुझाव भी दिया. समिति का जवाब सुनने के बाद खंडपीठ ने रांची नगर निगम व आरआरडीए में नक्शा पास करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्देश दिया, ताकि कम समय में नक्शा स्वीकृत हो. कोर्ट ने कहा कि यदि सब कुछ ठीक ठाक रहे, तो 10 दिन में नक्शा पास किया जाये. नक्शा लंबित नहीं रहे.
ऑर्किटेक्ट द्वारा भवन प्लान अपलोड करने के बाद सात दिन के अंदर वेरिफिकेशन किया जाये. यदि भवन प्लान का नक्शा स्वीकृति के लायक रहे, तो उसे अगले चरण में भेजा जाये, जहां तीन दिन में नक्शा पास कर दिया जाये. खंडपीठ ने आरआरडीए व रांची नगर निगम में नक्शा पास करने की प्रक्रिया पर लगायी गयी रोक को बरकरार रखा.
खंडपीठ ने राज्य सरकार से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा. आरआरडीए में वर्ष 1982 के बाद से कोई स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है. नगर निगम में भी पिछले 20 वर्षों से नियुक्ति नहीं हुई है. संविदा पर नियुक्ति हो रही है. जितने सृजित पद हैं, उससे भी कम संख्या में कर्मियों से काम लिया जा रहा है. कुछ दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्ति पर रख कर काम लिया जा रहा है. खंडपीठ ने राज्य सरकार को आरआरडीए व नगर निगम में स्थायी नियुक्ति के बिंदु पर जवाब दायर करने का निर्देश दिया.
अधिवक्ता वंदना सिंह व अधिवक्ता पीएएस पति की दो सदस्यीय समिति भी बनायी गयी. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 11 जनवरी 2023 निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पैरवी की, जबकि हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता लाल ज्ञान रंजननाथ शाहदेव ने पक्ष रखा.
इससे पूर्व अधिवक्ताओं की टीम में शामिल अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार, आरआरडीए के अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह, नगर निगम के अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव, एमीकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, अधिवक्ता वंदना सिंह व अधिवक्ता पीएएस पति ने 21 दिसंबर को शाम 5.30 बजे रांची नगर निगम व आरआरडीए में नक्शा पास करने की विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी हासिल की. मामले की सुनवाई के दाैरान टीम के सदस्यों ने कोर्ट को अवगत कराया.
उल्लेखनीय है कि भवनों के नक्शा स्वीकृति के लिए निर्धारित शुल्क के अलावा अवैध राशि की मांग की जाती है. अवैध राशि नहीं देने पर नक्शा स्वीकृत नहीं किया जाता है, उसे लंबित रखा जाता है. इस संबंध में प्रभात खबर में प्रकाशित खबर को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे रिट याचिका में तब्दील कर दिया था.