बच्चों की बिक्री मामले में संस्थाओं को प्रतिवादी बनायें : झारखंड हाइकोर्ट
पूर्व में खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा था कि बच्चा बिक्री का मामला गंभीर अपराध है. इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की. वहीं राज्य सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं किया जा सका.
झारखंड हाइकोर्ट ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय संस्था द्वारा नवजात की बिक्री मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी से कहा कि वह मामले में निर्मल हृदय सहित इन जैसी संस्थाओं को प्रतिवादी बनाये. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
पूर्व में खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा था कि बच्चा बिक्री का मामला गंभीर अपराध है. इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की. वहीं राज्य सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं किया जा सका. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अनुरंजन अशोक ने जनहित याचिका दायर की है. प्रार्थी ने पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि संस्थाओं को विदेश से सेवा के नाम पर राशि मिलती है, लेकिन उस राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है.
एकलव्य विद्यालय की सुनवाई अब दूसरी बेंच में
हाइकोर्ट ने मांडर के चान्हो में बननेवाले एकलव्य विद्यालय के चयनित स्थल को बदलने के विरोध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद मामले को सुनवाई के लिए जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षतावाली खंडपीठ में ट्रांसफर कर दिया. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने पैरवी की. सरकार की ओर से आइए याचिका दायर कर कोर्ट से अपने पूर्व के आदेश में संशोधन का आग्रह किया गया.