25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड हाइकोर्ट ने रांची मेन रोड हिंसा पर कहा- सरकार मामले की जांच कराने में नहीं दिखा रही दिलचस्पी

झारखंड हाइकोर्ट में रांची मेन रोड हिंसा मामले पर दायर याचिका की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि सरकार मामले की जांच कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है.वहीं मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 18 अगस्त की तिथि निर्धारित की.

Jharkhand High Court News: झारखंड हाइकोर्ट ने 10 जून को रांची के मेन रोड में हुए उपद्रव की घटना की जांच एनआइए से कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई करते हुए जांच की स्थिति व गृह सचिव व डीजीपी की ओर से जवाब दायर नहीं होने पर नाराजगी जतायी. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान गृह सचिव व डीजीपी की ओर से जवाब दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा.

खंडपीठ ने की मौखिक टिप्पणी

खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार मामले की जांच कराने के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. मामले की जांच के प्रति गंभीर नहीं दिखती है. सीसीटीवी फुटेज का सहयोग लेकर घटना की जांच की जानी चाहिए थी. जांच की जिम्मेवारी एसआइटी से सीआइडी को दे दी गयी. सरकार ने सीआइडी को जांच की जिम्मेवारी क्यों दी, इसे स्पष्ट नहीं किया गया है. खंडपीठ ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जवाब दायर करने के लिए गृह सचिव व डीजीपी को दो सप्ताह का समय नहीं दिया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 18 अगस्त की तिथि निर्धारित की.

एनआइए ने रिपोर्ट प्रस्तुत की

एनआइए की ओर से अधिवक्ता एके दास ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया. इसमें बताया गया है कि वह किन-किन मामलों में जांच कर सकती है. एनआइए ने अपनी शक्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विजय रंजन सिन्हा ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पंकज कुमार यादव ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने पूरे मामले की एनआइए से जांच कराने की मांग की है.

तबादलों के पीछे सरकार की क्या है मंशा

पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि अनुसंधान में सीधे तौर पर संलग्न एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा व डेली मार्केट थाना के थाना प्रभारी को अनुसंधान के क्रिटिकल समय में स्थानांतरित कर दिया गया अथवा हटा दिया गया. इन तबादलों के पीछे सरकार की मंशा क्या है. खंडपीठ ने एसएसपी व डेली मार्केट थाना प्रभारी के तबादले पर गृह सचिव व डीजीपी को व्यक्तिगत शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था.

कोर्ट फीस के मामले में मांगी राय

झारखंड हाइकोर्ट ने कोर्ट फीस में भारी वृद्धि के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए अपर महाधिवक्ता को राज्य सरकार से इंस्ट्रक्शन लेने को कहा. खंडपीठ ने कोर्ट फीस संशोधन एक्ट पर राज्य सरकार से मंतव्य लेकर अवगत कराने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तिथि निर्धारित की.

प्रार्थी की ओर से रख गया पक्ष

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि राज्य सरकार ने कोर्ट फीस में बढ़ोतरी करने के पूर्व किसी से सलाह-मशविरा नहीं किया. कोर्ट फीस में बढ़ोतरी कर दी गयी है. इससे लोगों के फंडामेंटल राइटस बाधित होंगे. झारखंड में वकालतनामा पर फीस बढ़ाने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है. यह अधिकार बार काउंसिल या बार एसोसिएशन को है कि वकालतनामा पर कितना फीस लिया जाये. काउंसिल के अधिकार का हनन है, क्योंकि सरकार वेलफेयर के लिए पैसा नहीं देती है. झारखंड एक गरीब व पिछड़ा राज्य है. इस वृद्धि के कारण राज्य के लोगों को न्याय पाना और कठिन हो जायेगा. आर्थिक रूप से कमजोर लोग केस दायर करने न्यायालय नहीं आ पायेंगे. वृद्धि से लोगों को सहज व सुलभ न्याय दिलाना संभव नहीं रहेगा. लागू किया गया कोर्ट फीस संशोधित एक्ट गलत है. वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल की ओर से जनहित याचिका दायर कर कोर्ट फीस संशोधित एक्ट को चुनाैती दी गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें