झारखंड हाईकोर्ट ने डीवीसी और सरकार से मांगा जवाब, जानें क्या है पूरा मामला
झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद पंचेत में विस्थापितों से ज्यादा बाहरी लोगों को नियुक्त करने के मामले में सरकार और डीवीसी से जबाव मांगा है. डीवीसी द्वारा विस्थापितों के नाम पर लगभग 9500 लोगों को नियुक्ति की गयी है. इनमें 500 को छोड़कर सब बाहरी है
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद पंचेत के विस्थापितों से अधिक बाहरी लोगों को नियुक्त करने के मामले में डीवीसी और सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई की. मामले की सीबीआइ जांच को लेकर दायर पीआइएल पर सुनवाई की गयी. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने छह मई की तिथि निर्धारित की.
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विजय शंकर प्रसाद ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि पंचेत डैम परियोजना का निर्माण 1955-56 से चल रहा है. डीवीसी द्वारा विस्थापितों के नाम पर लगभग 9500 लोगों को नियुक्ति की गयी है. इसमें सिर्फ 500 विस्थापितों को ही नियुक्ति दी गयी है.
शेष सभी लोग बाहरी हैं, जो विस्थापित नहीं हैं. नियुक्ति की प्रक्रिया वर्तमान में भी चल रही है. यह भारत का सबसे बड़ा नियुक्ति घोटाला है. अधिवक्ता श्री प्रसाद ने यह भी बताया कि इसकी शिकायत पीएमओ से भी की गयी थी और वहां से पत्र भी जारी हुआ था, जिसे गायब कर दिया गया. उन्होंने जांच सीबीआइ से कराने के लिए उचित आदेश देने का आग्रह किया.
Posted By: Sameer Oraon