Jharkhand News, Ranchi News रांची : जनप्रतिनिधियों (सांसद-विधायक) पर दर्ज मामलों के ट्रायल में विलंब को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे पीआइएल में तब्दील कर दिया है. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई करते हुए पुराने मामलों के ट्रायल को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने एक्साइज कानून से संबंधित वर्षों से लंबित एक मामले का उदाहरण देते हुए संबंधित अदालतों को निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों पर दर्ज पुराने मामलों को छह माह में निष्पादित किया जाये. अन्य सभी मामलों के ट्रायल को भी जल्द पूरा करने की बात कही. मामलों के जल्द निष्पादन के लिए राज्य सरकार को पूरी मदद करने के लिए कहा.
खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि जनप्रतिनिधियों से संबंधित कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जो एक-डेढ़ दशक से सिर्फ अपियरेंस के लिए लंबित हैं. अपियरेंस कराना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है. सरकार को इसमें मदद करनी चाहिए, ताकि वर्षों से लंबित मामलों का जल्द निष्पादन हो सके. राज्य सरकार को अगली सुनवाई के पूर्व स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 14 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा. ज्ञात हो कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट से रिमांड होने के बाद झारखंड हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है.
Posted by : Sameer Oraon