झारखंड सरकार को हाईकोर्ट से झटका, निरस्त किया जनसेवकों का ग्रेड-पे घटाने का आदेश
प्रार्थी अनूप कुमार ने याचिका दायर कर झारखंड सरकार के ग्रेड पे घटाने वाले आदेश को चुनौती दी थी. सरकार ने वर्ष 2012 में जनसेवकों की नियुक्ति की थी.
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने जनसेवकों के ग्रेड-पे घटाने के राज्य सरकार के आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने ग्रेड-पे घटाने संबंधी राज्य सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया.
हाईकोर्ट बोला- नहीं घटाया जा सकता ग्रेड-पे
अदालत ने कहा कि जब विज्ञापन के अनुसार प्रार्थियों की नियुक्ति तथा ग्रेड पे-2400 पर सेवा स्थायीकरण किया गया, तो वैसी स्थिति में ग्रेड-पे घटाया नहीं जा सकता है. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से ग्रेड-पे घटाने के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अनूप कुमार ने याचिका दायर कर झारखंड सरकार के आदेश को चुनाैती दी थी. याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में जनसेवकों की नियुक्ति की थी. नियुक्ति पत्र में 2400 रुपये का ग्रेड पे दिया गया था. 10 वर्षों की सेवा के बाद विभाग ने वर्ष 2023 में ग्रेड पे-2400 से घटा कर 2000 रुपये कर दिया, जो गलत है.
राहुल गांधी की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मामले में 28 को सुनवाई
भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़े मामले में शुक्रवार को एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश सार्थक शर्मा के कोर्ट में सुनवाई हुई. इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. इससे पूर्व बुधवार को मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वकील प्रदीप चंद्रा ने व्यक्तिगत पेशी से छूट को लेकर याचिका दाखिल की थी. मामले में राहुल गांधी समन के बावजूद एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे. इस पर शिकायतकर्ता नवीन झा के वकील ने राहुल गांधी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आग्रह किया था. समन को हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी थी, जिसे हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को फिर से समन जारी किया. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में मामले में शिकायतवाद दर्ज होने के बाद सिविल कोर्ट ने पहली बार राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया था.