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झारखंड हाईकोर्ट ने बरहरवा मामले में ट्रायल पर लगायी रोक, ED को दिया ये निर्दश, अब इस दिन होगी सुनवाई

अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति द्वारा इस प्रकार का कृत्य करना वांछित नहीं है. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 दिसंबर की तिथि निर्धारित की.

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने साहिबगंज के बरहरवा थाने में दर्ज प्राथमिकी में 24 घंटे के अंदर आरोपियों को क्लीन चिट देने के मामले की सीबीआइ जांच काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को मामले में प्रतिवादी बनाने की अनुमति प्रदान की. साथ ही निचली अदालत में मामले के ट्रायल पर रोक लगा दी. इडी को कांड संख्या- 85/2020 से संबंधित सारे एवीडेंस पेश करते हुए रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया.

अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति द्वारा इस प्रकार का कृत्य करना वांछित नहीं है. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि टोल प्लाजा के ठेके में शामिल होने पर टेलीफोन पर पंकज मिश्र ने धमकाया था. इसे लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.

पुलिस ने 14 गवाहों का परीक्षण व मामले का अनुसंधान महज आधे घंटे में पूरा कर लिया. अनुसंधान के क्रम में ही आरोपी ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम व सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज कुमार मिश्र को क्लीन चिट भी दे दिया गया. प्रार्थी द्वारा दिये गये वाॅयस रिकॉर्डिंग को पुलिस ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में जांच के लिए नहीं भेजा. प्रथम दृष्टया लगता है कि इस मामले में आरोपियों ने जांच को प्रभावित किया है. प्रार्थी को धमकी मिल रही है. हालांकि उन्हें सुरक्षा मिल गयी है. अधिवक्ता श्री मिश्र ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आग्रह किया.

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पाकुड़ के हरिणडंगा बाजार निवासी शंभू नंदन कुमार ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. उन्होंने 22 जून 2020 को टोल प्लाजा के टेंडर मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित अन्य के खिलाफ बरहरवा थाना में प्राथमिकी (85/20202) दर्ज करायी थी.

प्रार्थी ने मामले में पुलिस द्वारा 24 घंटे के अंदर मंत्री आलमगीर आलम व विधायक प्रतिनिधि पंकज कुमार मिश्र को क्लीन चिट देने की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है. इडी द्वारा प्राथमिकी कांड संख्या-85/2020 के आधार पर 1000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन घोटाले से जुड़े मनी लॉउंड्रिग का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. इसमें विधायक प्रतिनिधि पंकज कुमार मिश्र, सत्ता के करीबी प्रेम प्रकाश, बच्चू यादव, दाहू यादव व अन्य को आरोपी बनाया है.

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