रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (सीजीएल)-2023 के तहत 21 व 22 सितंबर को ली गयी परीक्षा में गड़बड़ियों की सीबीआइ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुनने के बाद सीजीएल परीक्षा के रिजल्ट प्रकाशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी.
कोर्ट ने कहा जब ऑनलाइन शिकायत मिली थी, तो जांच क्यों नहीं करायी?
खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक होने के संबंध में दर्ज शिकायत पर ‘झारखंड प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम-2023’ के तहत पुलिस प्राथमिकी दर्ज करे और मामले का अनुसंधान कर रिपोर्ट करे. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से समय देने का आग्रह किया गया. इस पर खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि जब ऑनलाइन शिकायत मिली थी, तो राज्य सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की? आज ही मामले को डिसाइड करते हैं. हालांकि, मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 22 जनवरी 2025 की तिथि निर्धारित की.
प्रश्न पत्र लीक के चलते 28 जनवरी की परीक्षा जेएसएससी ने रद्द कर दी थी
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अधिवक्ता समीर रंजन ने पैरवी की. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि सीजीएल परीक्षा 28 जनवरी 2024 को हुई थी. प्रश्न पत्र लीक के चलते 28 जनवरी की परीक्षा जेएसएससी ने रद्द कर दी थी. बाद में अभ्यर्थियों के भारी विरोध के बाद आयोग ने पूरी परीक्षा रद्द करते हुए नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. 21 व 22 सितंबर 2024 को पुन: सीजीएल परीक्षा-2023 ली गयी, लेकिन इसमें भी पेपर लीक हुआ है. राजेश प्रसाद ने इस संबंध में संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ऑनलाइन शिकायत दी है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
आठ वर्षों से चल रही है नियुक्ति प्रक्रिया
राज्य में पिछले आठ वर्षों से (वर्ष 2015 से) सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (सीजीएल) परीक्षा की प्रक्रिया चल रही है. सीजीएल परीक्षा के लिए 6.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था, लेकिन परीक्षा में 3,04,769 अभ्यर्थी ही शामिल हुए थे. इस नियुक्ति प्रक्रिया से विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर नियुक्ति की जायेगी.
इधर, देवेंद्रनाथ महतो सहित तीन छात्रों को किया गया रिहा
सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन करनेवाले जेएलकेएम नेता देवेंद्रनाथ महतो, दो अन्य छात्र मधु रजक व मनोज कुमार महतो को कोतवाली थाना से मंगलवार को रिहा कर दिया गया. तीनों को नामकुम स्थित सदाबहार चौक के समीप से सोमवार को हिरासत में लिया गया था. रिहा होने के बाद देवेंद्रनाथ महतो ने खुशी जाहिर की. इधर, मामले में एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से देवेंद्रनाथ महतो व अन्य को हिरासत में लिया गया था. भविष्य में भी विधि-व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करने पर उन्हें हिरासत में लिया जायेगा. गौरतलब है कि नामकुम स्थित जेएसएससी कार्यालय के समीप जेएलकेएम तथा अन्य छात्र संगठन सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान सोमवार को लाठीचार्ज के बाद इन लोगों को हिरासत में लिया गया था.
::::::::::::::::::::::सीजीएल : अभी सिर्फ डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन ही हो रहा है
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (आइपीआरडी) ने सीजीएल परीक्षा पर हाइकोर्ट में हुई सुनवाई के बारे में रिलीज जारी कर कहा है कि उच्च न्यायालय ने जेएसएससी-सीजीएल के सिर्फ परीक्षाफल पर रोक का आदेश दिया है. जेएसएससी के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि अभी सिर्फ डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जा रहा है और अंतिम परीक्षाफल नहीं निकाला जा रहा है. इस पर उच्च न्यायालय ने अंतिम आदेश तक परीक्षाफल प्रकाशित नहीं करने का निर्देश दिया है. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में संबंधित परीक्षा से जुड़ी शिकायतों को लेकर कदाचार मुक्त परीक्षा अधिनियम – 2023 के आलोक में की गयी कार्यवाही से भी उच्च न्यायालय को अवगत कराने का निर्देश दिया है. साथ ही इस संदर्भ में राज्य सरकार को अगली तिथि पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
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