रांची: रांची-जमशेदपुर एनएच-33 पर हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अख्तियार किया है.उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया है कि तेज गति से वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करें. उन्होंने वाहनों की गति पर नियंत्रण लगाने के लिए जगह जगह पर उच्च क्वालिटी के कैमरे व स्पीड गन लगाने के निर्देश दिये हैं. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की खंडपीठ ने एनएच-33 की दयनीय स्थिति व चौड़ीकरण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उक्त बातें कही.
खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि एनएच के किनारे बैरिकेडिंग की जानी चाहिये, ताकि ग्रामीण अथवा कोई जानवर अचानक एनएच पर नहीं आ जाये. वहीं, खंडपीठ ने केंद्र सरकार से पूछा कि दलमा सेंचुरी से गुजरनेवाले एनएच के निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस दिया गया है या नहीं.
वहीं, खंडपीठ ने एनएच के किनारे के अतिक्रमण हटाने की दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. कहा कि राज्य सरकार व एनएचएआइ अतिक्रमण हटाने के लिए एसओपी तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत करे.
केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पक्ष रखा. इस पर, खंडपीठ ने कहा कि पांच वर्षों में पुलिस को 15 करोड़ रुपये दिये गये हैं, लेकिन सिर्फ दो करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं. सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी संसाधनों की खरीद क्यों नहीं हो रही है? खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तिथि निर्धारित की. सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव केके सोन व एनएचएआइ के प्राजेक्ट डायरेक्टर सशरीर उपस्थित थे.
Posted By: Sameer Oraon