झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज पर सरकार और ईडी से किया जवाब तलब, एक मई को अगली सुनवाई

झारखंड हाइकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रांची स्थित अनगड़ा में माइनिंग लीज व रिश्तेदारों को अन्य लीज आवंटन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और ईडी से जवाब तलब किया है. अब मामले की अगली सुनवाई एक मई को होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | April 4, 2023 4:32 AM

Jharkhand News: झारखंड हाइकोर्ट ने मुख्यमंत्री (खान विभाग के मंत्री रहते हुए) हेमंत सोरेन के रांची स्थित अनगड़ा में माइनिंग लीज व रिश्तेदारों को अन्य लीज आवंटन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रार्थी व राज्य सरकार की दलीलों को सुना. प्रार्थी की दलील पर विचार करने के बाद राज्य सरकार, प्रवर्तन निदेशालय (इडी) सहित अन्य प्रतिवादियों को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने एक मई की तिथि निर्धारित की.

मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह व अधिवक्ता विशाल ने पक्ष रखते हुए बताया कि खान विभाग के मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर माइनिंग लीज का आवंटन कराया है. वहीं, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन व उनकी बहन सरला मुर्मू की कंपनी सोहराई लाइवस्टोक प्राइवेट लिमिटेड के नाम चान्हो के बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ जमीन आवंटित किया गया. सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू व सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को भी खनन लीज आवंटित हुआ है. अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि पद का दुरुपयोग कर सारे काम किये गये हैं. उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का आग्रह किया.

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जनहित याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर उठा सवाल

वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जनहित याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. समान मामले में शिवशंकर शर्मा की जनहित याचिका पूर्व में सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है. सीएम हेमंत सोरेन व अन्य के खिलाफ शिवशंकर शर्मा की जनहित याचिका में झारखंड हाइकोर्ट द्वारा पारित आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है. दोबारा उसी बात को उक्त याचिका में उठाया जाना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने याचिका को खारिज करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी आरटीआई कार्यकर्ता व हाइकोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने जनहित याचिका दायर की है.

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