झारखंड हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में रांची के कांके सीओ को लगायी फटकार, हटाने का दिया निर्देश
jharkhand news: झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश का पालन नहीं करने पर कांके सीओ को फटकार लगायी है. उन्हें हटाने का निर्देश दिया है. 12 एकड़ जमीन को लेकर श्रेया कुमार ने रसीद कटाने के लिए आवेदन दिया था.
Jharkhand news: झारखंड हाईकोर्ट के आदेश का आवमानना करने पर कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए रांची के कांके प्रखंड के अंचलाधिकारी दिवाकर सी द्विवेदी को हटाने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कांके सीओ को कांके से हटाने संबधी आदेश विभाग को दिया है. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में यह सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.
इस संबंध में कोर्ट में दायर याचिका करने वाले श्रेया कुमार ने बताया कि कांके प्रखंड के सुगनू में उनकी 12 एकड़ जमीन है. जिसे उसके पिता स्वर्गीय अशोक कुमार सिंह ने वर्ष 1981 खरीदी थी. तब से वर्ष 1996 तक जमाबंदी हुई. उसके बाद से जमाबंदी बंद होने पर श्रेया कुमार ने जमीन की रसीद कटाने के लिए कांके अंचल में आवेदन दिया था. लेकिन, कांके सीओ द्वारा आवेदन पर विचार नहीं करने पर श्रेया कुमार ने कोर्ट में याचिका दायर किया.
झारखंड हाईकोर्ट ने कांके सीओ को श्रेया के दिये आवेदन को 6 माह के भीतर निष्पादन करने को कहा. एक वर्ष बीत जाने पर भी सीओ ने सुगनू की जमीन का निष्पादन नहीं किया. दोबारा श्रेया ने मामले को कोर्ट में अवगत कराया. दोबारा कोर्ट ने सीओ को मामले का निष्पादन करने कहा. तब सीओ ने श्रेया का पक्ष सुने बगैर उनके आवेदन को खारिज कर दिया. तब कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा कि सीओ अपने कार्य करने में सक्षम नहीं है. तब कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए सीओ को हटाने का आदेश दिया. श्रेया ने सुगनू की खरीदी जमीन को रैयती बताया है.
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सीओ दिवाकर सी द्विवेदी की राय
वहीं, इस मामले में सीओ दिवाकर सी द्विवेदी ने कहा कि सुगनू की 12 एकड़ जमीन की बंद जमाबंदी को लेकर श्रेया कुमार ने वर्ष 2002 में रांची डीसी को आवेदन दिया था. जिसे डीसी ने गैरमजरुआ किस्म के जमीन बताते हुए श्रेया के आदेश को रद्द कर दिया था.
डीसी के रद्द आदेश पर सुनवाई के लिए आयुक्त के पास जाना चाहिए था, लेकिन श्रेया ने कांके अंचल में जमाबंदी के लिए आवेदन दिया था. मैने भी जांच में पाया कि जमीन गैरमजरुआ किस्म की है, तो डीसी के आदेश का पालन करते हुए जमाबंदी संबंधी दिये आवेदन को खारिज कर दिया.
Posted By: Samir Ranjan.