झारखंड के जेलों में रिक्त पदों को लेकर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, सरकार से पूछा ये सवाल
झारखंड सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने बताया कि मॉडल प्रिजन एक्ट को लेकर केंद्र से निर्देश आया है. इसमें संशोधन किया जाना है. इसके लिए समय देने का आग्रह किया
झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य की जेलों में सुधार को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार के समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया. खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि राज्य की जेलों में कितने पद रिक्त हैं. रिक्त पदों को भरने के लिए क्या किया जा रहा है. मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी.
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने बताया कि मॉडल प्रिजन एक्ट को लेकर केंद्र से निर्देश आया है. इसमें संशोधन किया जाना है. इसके लिए समय देने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि जेल की व्यवस्था से संबंधित अखबारों में प्रकाशित खबर को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
रांची. हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने वर्ष 2020-2021 शैक्षणिक सत्र में कक्षा छह में नामांकन के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान प्रार्थी का पक्ष सुनने व धनबाद डीसी की रिपोर्ट देखने के बाद याचिका स्वीकार कर ली गयी. साथ ही नेतरहाट विद्यालय प्रबंधन को तीन बच्चों का नामांकन सातवीं कक्षा में लेने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि मेडिकल बोर्ड द्वारा फिटनेस की जांच किये जाने के समय छात्रों की आयु देखना सही नहीं था.