झारखंड हाईकोर्ट ने रतन हाईट मामले में सुनाया फैसला, संशोधित नक्शे को किया रद्द
राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित रतन हाईट के संशोधित नक्शे के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने नगर आयुक्त द्वारा पास संशोधित नक्शे को रद्द करते हुए एक महीने में गड्ढा भरने और जमीन को हैंडओवर करने का निर्देश दिया.
Jharkhand News: रांची के मोरहाबादी स्थित रतन हाईट्स रेसिडेंशियल सोसाइटी की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त द्वारा जारी नक्शे को रद्द करते हुए न्यायधिकरण के फैसले को पलट दिया. वहीं, कोर्ट ने एक महीने में गड्ढा भरने और जमीन को हैंडओवर करने का निर्देश दिया. साथ ही बिल्डर वीकेएस रियलिटी को कई निर्देश देते हुए निर्माण कार्य के दौरान बनाये गये बाउंड्री को भी तोड़ने का आदेश दिया गया.
छह साल मामले याचिका हुआ था दाखिल
हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. रतन हाईट सोसाइटी वालों ने छह साल पहले पूरे मामले पर याचिका दाखिल की थी. जिसमें सोसाइटी से सटे वीकेएस रियलिटी द्वारा बहुमंजिले निर्माण से बिल्डिंग को खतरा बताया था. बिल्डिंग निर्माण के लिए खोदे गए 15 फीट के गढ़े में अबतक कई अप्रिय घटनाएं हो चुकी है. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 22 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
नगर आयुक्त द्वारा पास संशोधित नक्शे को किया रद्द
बता दें कि कोर्ट ने कहा रतन हाईट में 46 कट्ठा का कॉमन एरिया कॉमन ही रहेगा. कहा कि 86 कट्ठे का जो नक्शा पास हुआ था वो सही था. इसमें पहले से ही कॉमन एरिया डिसाइडेड था. इस कारण 46 कट्ठे को अलग कर संशोधित नक्शे को पास करना गलत था. इस कारण कोर्ट ने नगर आयुक्त द्वारा पास संशोधित नक्शे को पास किया है.
एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में रखा था पक्ष
22 जून को सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने साफ किया था कि बुटाला और परमार बंधुओं ने जो रिवाइज्ड नक्शा कोर्ट में पेश किया है, उसे कभी मंजूरी दी ही नहीं गयी. वहीं, कहा कि दोनों के खिलाफ विजिलेंस में केस चल रहा है. इसके बाद ही कोर्ट ने 13 जुलाई, 2019 को फैसला सुनाने की तारीख निर्धारित की थी.
रतन हाईट सोसाइटी के लोगों में खुशी
इधर, इस फैसले के साथ सोसाइटी के लोगों के बीच खुशी की लहर है. सोसाइटी के अध्यक्ष प्रेरित बताते हैं कि छह साल लगे तब जाकर यह जीत हासिल हुई है. इस सोसाइटी में कुल 45 परिवार रहते हैं. जब से गड्ढा खोदा जा रहा था, तभी से लोगों के मन में डर बैठ गया था. हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब जाकर सोसाइटी के लोग राहत महसूस कर रहे हैं.
सोसाइटी के निवासियों में खुशी, बोले- सत्य की हुई जीत
वहीं, सोसाइटी के अन्य लोगों ने बताया कि गड्ढे की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ गई थी. साथ ही बगल में गड्ढे खोदने से बिल्डिंग में दराने आनी शुरू हो गई थी. सोसाइटी के लोगों को किसी भी वक्त कोई अप्रिय घटना घटने की संभावना लगे रहती थी. यहां के निवासियों ने कहा कि आखिरकार एक लंबी लड़ाई के बाद सत्य की जीत हुई.
क्या है मामला
रतन हाईट्स रेसिडेंशियल सोसाइटी के महासचिव जयशंकर जयपुरियार के मुताबिक, वर्ष 2005 में 86 कट्ठा जमीन का एक नक्शा (1049/05) पास कराने का आवेदन दिया गया था. वर्ष 2009 में यह नक्शा पास हुआ. लेकिन, वर्ष 2009 में ही सड़क की जगह का अतिक्रमण करने संबंधी शिकायत दर्ज करायी गयी थी. साथ ही बताया गया था कि नक्शा (संख्या 1049/05) गलत है. इस पर बिल्डर समेत जमीन के मालिक को नोटिस जारी करते हुए नक्शा पेश करने काे कहा गया था.
2023 में चर्चा में आया मामला
मालूम हो कि इस अपार्टमेंट के बगल में एक नये अपार्टमेंट के निर्माण को लेकर गड्ढे खोदने पर बगल के रतन हाईट बिल्डिंग में दरारें पड़नी शुरू हुई. इसको लेकर अपार्टमेंट के लोग झारखंड हाईकोर्ट और नगर आयुक्त से बगल में बन रहे भवन के नक्शे को रद्द करने और निर्माण पर रोक लगाने की मांग की थी.