झारखंड हाईकोर्ट की सदर अस्पताल को चेतावनी- काम शुरू करें अस्पताल, वरना अब कहेंगे नहीं, कार्रवाई करेंगे
झारखंड हाईकोर्ट ने सदर अस्पताल को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि सदर अस्पताल का काम हर हाल में पूरा हो जाना चाहिए नहीं तो अब हम कहेंगे नहीं बल्कि कार्रवाई करेंगे. उन्होंने प्रभात खबर में छपी समाचार पर भी संज्ञान लिया है.
रांची: हमने सदर अस्पताल के निर्माण के बारे में अखबार (प्रभात खबर) में हाल में छपी खबर को देखा है. सदर अस्पताल के निर्माण का कार्य हर हाल में पूरा हो जाना चाहिए. कोर्ट अब कहेगा नहीं, कार्रवाई का आदेश देगा. यदि ढुलमुल रवैया रहा, तो कोर्ट सख्त आदेश पारित करेगा. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने यह मौखिक टिप्पणी की. झारखंड हाइकोर्ट ने 500 बेड क्षमतावाले सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल सदर अस्पताल के पूर्ण संचालन को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की.
मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को अगली सुनवाई के पूर्व विस्तृत जवाब दायर करने को कहा है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि सरकार अपने जवाब में मेडिकल उपकरणों को चलाने, पारा मेडिकल स्टॉफ सहित चतुर्थवर्गीय पदों पर कर्मियों की नियुक्ति के बारे में भी पूरी जानकारी दे.
मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 11 नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व संवेदक कंपनी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि ऑडिटोरियम सहित कुछ हिस्से का कार्य अंतिम चरण में है. बचे हुए सभी कार्य 31 अक्तूबर तक पूरे कर लिये जायेंगे. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की. ज्ञात हो कि प्रार्थी ज्योति शर्मा ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने 500 बेड क्षमतावाले सुपर स्पेशियलिटी सदर अस्पताल के पूर्ण संचालन के लिए दायर पीआइएल में पारित आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है.
पारा मेडिकल स्टॉफ सहित चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति के बारे में जानकारी देने का निर्देश
सदर अस्पताल के संचालन के लिए कमेटी तैयार करेगी मसौदा
सदर अस्पताल की सुपर स्पेशियलिटी इकाई को जल्द शुरू कराने के लिए विभाग की पहल पर 13 सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. यह कमेटी देखेगी कि बिल्डिंग के आधारभूत ढांचे में उपचार की सविधा कैसे शुरू होगी. झारखंड हाइकोर्ट में इस मामले की 11 नवंबर सुनवाई होगी. इसके पूर्व 31 अक्तबूर तक सभी कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने आइपीएचएस मानकों के हिसाब से सुविधाओं का आकलन करने को कहा है. अस्पताल चलाने के लिए सदर अस्पताल के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में चिकित्सा उपकरण, फर्नीचर, दवा, बेड खरीदने के अलावा, पारामेडिकल स्टॉफ, डॉक्टरों, नर्सों को प्रतिनियुक्त करने संबंधी सूची तैयार करने को कहा गया है.
13 सदस्यीय कमेटी में कौन-कौन शािमल
कमेटी में डॉ उमा सिन्हा, डॉ विमलेश सिंह, रेडियोलॉजिस्ट डॉ एस प्रसाद, डॉ मुक्ता अग्रवाल, सर्जन डॉ अजीत कुमार, डॉ अखिलेश झा, जनरल मेडिसिन से डॉ अजय कुमार झा, ऑर्थोपेडिक्स से डॉ सेरान अली, डॉ प्रभात रंजन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दयानंद सरस्वती, एनेस्थेटिस्ट डॉ नीरज कुमार रजक और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ किरण चंदेल के साथ अस्पताल की जिला अस्पताल प्रबंधक शामिल हैं.
13 सदस्यीय कमेटी में कौन-कौन शािमल
कमेटी में डॉ उमा सिन्हा, डॉ विमलेश सिंह, रेडियोलॉजिस्ट डॉ एस प्रसाद, डॉ मुक्ता अग्रवाल, सर्जन डॉ अजीत कुमार, डॉ अखिलेश झा, जनरल मेडिसिन से डॉ अजय कुमार झा, ऑर्थोपेडिक्स से डॉ सेरान अली, डॉ प्रभात रंजन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दयानंद सरस्वती, एनेस्थेटिस्ट डॉ नीरज कुमार रजक और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ किरण चंदेल के साथ अस्पताल की जिला अस्पताल प्रबंधक शामिल हैं.