जिसके पास फाइल लटकी मिली उस पर होगी अवमानना कार्रवाई, झारखंड हाईकोर्ट की टिप्पणी, जानें क्या पूरा मामला
खंडपीठ ने कहा नयी बिल्डिंग जल्द बनवाना चाहती है कोर्ट, पर आदेश का पालन नहीं हो रहा अगली सुनवाई 13 अगस्त को
रांची : धुर्वा में निर्माणाधीन हाइकोर्ट की ग्रीन बिल्डिंग काे लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट जल्द नयी बिल्डिंग का निर्माण कराना चाहती है. डीपीआर संशोधित भी कर लिया गया. नोटिस इंवाइटिंग टेंडर (एनआइटी) निकालने के लिए सरकार बार-बार समय ले रही है.
इससे पहले भी सरकार की ओर से एनआइटी निकालने के लिए कोर्ट को आश्वस्त किया गया था. अब वैसी स्थिति में कोर्ट यह होल्ड करेगा कि झारखंड में संवैधानिक मशीनरी फेल कर गयी है. कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है.
खंडपीठ ने राज्य सरकार को नयी बिल्डिंग से संबंधित मूल फाइल अगली सुनवाई के दाैरान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि मूल फाइल देख कर यह पता लगेगा कि मामला कहां लंबित है. खंडपीठ ने कहा कि यदि मामला विभागीय मंत्री के पास लंबित पाया गया, तो उनके खिलाफ भी अवमानना प्रक्रिया शुरू करने से कोर्ट पीछे नहीं रहेगा.
जिसके पास फाइल लटकी मिलेगी, उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जायेगी. मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि नयी बिल्डिंग का निर्माण अब तक शुरू नहीं किया गया है. अब तक एनआइटी भी जारी नहीं की गयी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अधिवक्ता राजीव कुमार व अधिवक्ता राजेश्वर पांडेय ने जनहित याचिका दायर की है.
Posted By : Sameer Oraon