असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा में मिलेगा आर्थिक रूप से कमजोरों को भी आरक्षण, झारखंड हाइकोर्ट का फैसला

एकल पीठ का आदेश रद्द, आर्थिक रूप से कमजोरों को भी आरक्षण. राज्य सरकार और जेपीएससी ने एकल पीठ के आदेश को दी थी चुनौती

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2021 6:45 AM
an image

EWS Reservation In Jharkhand, Ranchi News रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने असिस्टेंट इंजीनियर प्रतियोगिता परीक्षा-2019 के विज्ञापन (05/2019) को रद्द करने के एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों को असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. यह आदेश देते हुए हाइकोर्ट ने राज्य सरकार व झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से दायर अपील याचिका को स्वीकार कर लिया.

साथ ही जेपीएससी को निर्देश दिया है कि वह विज्ञापन (05/2019) के आलोक में नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करते हुए शीघ्र पूरा करे. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने शुक्रवार को उक्त फैसला सुनाया.इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता राजीव रंजन तथा जेपीएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखते हुए बताया था कि एकल पीठ का आदेश गलत है.

अधिसूचना जारी होने के बाद आयोग को नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधियाचना भेजी गयी थी. रिक्त पदों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. उन्होंने खंडपीठ से एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया था.

क्या कहा था एकल पीठ ने

हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकल पीठ ने प्रार्थी रंजीत कुमार शाह और अन्य की रिट याचिका पर 21 जनवरी 2021 को फैसला सुनाते हुए असिस्टेंट इंजीनियरों की नियुक्ति से संबंधित विज्ञापन को रद्द कर दिया था. राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह संशोधित अधियाचना जेपीएससी को भेजे.

इसके बाद आयोग नये सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करेगी. एकल पीठ का कहना था कि राज्य सरकार ने 25 फरवरी 2019 को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (सवर्ण) को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की अधिसूचना जारी की थी. अधिसूचना से पूर्व के रिक्त पदों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण लागू नहीं होगा. यह अधिसूचना की तिथि से लागू होगी.

637 पदों पर होनी थी नियुक्ति

जेपीएससी ने वर्ष 2019 में सिविल के 542 व मैकेनिकल इंजीनियर के 95, कुल 637 पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी. जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने 25 फरवरी 2019 को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना जारी की थी.

इसके बाद वर्ष 2015 में जेपीएससी को भेजी गयी अधियाचना को वापस ले लिया. इस कारण विज्ञापन संख्या-06/2015 की प्रक्रिया खत्म हो गयी. बाद में आयोग ने असिस्टेंट इंजीनियरों की नियुक्ति का विज्ञापन (05/2019) जारी किया. प्रारंभिक परीक्षा के बाद 22 जनवरी 2021 से मुख्य परीक्षा आहूत थी, जिसे एकल पीठ के आदेश के बाद रद्द कर दिया गया था.

एकल पीठ ने रद्द कर दिया था नियुक्ति विज्ञापन, फ्रेश विज्ञापन निकालने का था निर्देश

इस फैसले के बाद अब राज्य में नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया : महाधिवक्ता

हाइकोर्ट का फैसला सरकार की बड़ी जीत है : महाधिवक्ता

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ के फैसले पर कहा कि यह राज्य सरकार की बड़ी जीत है. इस फैसले के बाद अब नियुक्तियों की बाधाएं दूर हो जायेंगी. राज्य में नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है.

Posted By : Sameer Oraon

Exit mobile version