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झारखंड हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति गड़बड़ी मामले में होगी कार्रवाई, जानें क्या है पूरा मामला

साल 2016 में झारखंड हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी हुई थी, अब ऐसे शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी. बता दें उस वक्त कई जिलों में सब्सिडियरी विषय के आधार पर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. आदेश में ये था कि नियुक्ति उसी विषय में हो है जिसमें उसकी मुख्य विषय के रूप में डिग्री हो.

Jharkhand News, Ranchi News रांची : राज्य के हाइस्कूलों में मुख्य विषय के बदले सब्सिडियरी विषय पर शिक्षकों की नियुक्ति की दी गयी है. अब ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है. जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि विभाग को ऐसी जानकारी मिली है कि कई जिलों में सब्सिडियरी विषय के आधार पर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है.

नियमावली में स्पष्ट है कि जिस विषय में अभ्यर्थी की नियुक्ति होनी है, वह विषय अभ्यर्थी का मुख्य विषय होना चाहिए न कि सब्सिडियरी. सभी जिलों को इन मामलों की समीक्षा करते हुए नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है. पत्र में गणित/भौतिकी, इतिहास/रसायन शास्त्र, रसायन शास्त्र/जीव विज्ञान विषय में नियुक्ति को लेकर भी मामला स्पष्ट किया गया है.

ज्ञात हो कि हाइस्कूल में गणित, इतिहास व जीव विज्ञान विषय के पद सृजित हैं, जबकि पढ़ाई भौतिकी, रसायन व नागरिक शास्त्र विषय की भी होती है. ऐसे में गणित विषय के लिए गणित व भौतिकी, जीव विज्ञान विषय के लिए रसायन व जीव विज्ञान एवं इतिहास व नागरिक विषय के लिए इतिहास के साथ-साथ राजनीतिक शास्त्र विषय से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गयी है. इन विषयों में नियुक्ति के लिए भी दोनों में से कोई एक विषय अभ्यर्थी का मुख्य विषय होना अनिवार्य है.

हाइकोर्ट के आदेश का दिया हवाला

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के पत्र में हाइकोर्ट के आदेश का जिक्र है. कुछ अभ्यर्थियों ने इस मामले में हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें कहा गया था कि कुछ शिक्षकों की नियुक्ति नियम विरुद्ध की गयी है. याचिका की सुनवाई के बाद अभ्यर्थियों को दो सप्ताह में सरकार के समक्ष अपना पत्र रखने को कहा गया था. इसके बाद अब इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पत्र जारी किया है. जिलों को हाइकोर्ट के आदेश की प्रति भी भेजी गयी है.

आयोग व जिले में हुई थी कागजात की जांच

राज्य के हाइस्कूल में लगभग 17 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा ली थी. 2016 में प्रक्रिया शुरू हुई थी और नियुक्ति वर्ष 2019 में की गयी थी. कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पहले औपबंधिक रिजल्ट जारी किया गया था. रिजल्ट जारी होने के बाद आयोग द्वारा अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच की गयी थी. इसमें नियुक्ति को लेकर तय प्रावधान के अनुरूप अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र भी देखा गया था. जांच के बाद आयोग द्वारा फाइनल रिजल्ट जारी किया गया था. आयोग की अनुशंसा के बाद जिलों में भी नियुक्ति के पूर्व अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग की गयी थी. जिला में नियुक्ति के प्रावधान व प्रमाण पत्रों की जांच की जाती है.

क्या हुई है गड़बड़ी

हाइस्कूलों में शिक्षक की नियुक्ति उसी विषय में होनी है जिसमें उसने मुख्य विषय के रूप में डिग्री ली हो, लेकिन नियुक्तियां सब्सिडियरी विषय वालों की कर दी गयी है

कब हुई गड़बड़ी

वर्ष 2016 में शुरू हुई थी नियुक्ति प्रक्रिया, वर्ष 2019 में दिया गया था नियुक्ति पत्र

अब क्या होगा

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी डीइओ को पत्र लिखकर ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है. इस पत्र के बाद अब जिला स्तर पर ऐसे शिक्षकों की पहचान शुरू कर दी गयी है, जिनकी नियुक्ति सब्सिडियरी विषय के आधार पर हुई है. नियमानुसार इन शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा सकती है.

Posted By : Sameer Oraon

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