झारखंड शिक्षक नियुक्ति नियमावली की अधिसूचना जारी, इन मापदंडों को नहीं किया पूरा तो नहीं कर पाएंगे आवेदन
झारखंड में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली के संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है, इसके मुताबिक राज्य से मैट्रिक इंटर पास करना जरूरी हो गया है. इसके साथ नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया है
रांची : झारखंड में हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. कैबिनेट से नियुक्ति नियमावली में संशोधन को स्वीकृति मिलने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने मंगलवार को संशोधित नियमावली अधिसूचना जारी कर दी है. नियमावली में शिक्षक नियुक्ति की योग्यता के प्रावधान में भी बदलाव किया गया है.
शिक्षा विभाग द्वारा एनसीटीई के दिशा-निर्देश के अनुरूप शिक्षक नियुक्ति की योग्यता के मापदंड में बदलाव किया गया है. संशोधित नियमावली में किये गये प्रावधान के अनुरूप अब नियुक्ति से संबंधित विषय में अभ्यर्थियों के लिए स्नातक के सभी तीन वर्ष की पढ़ाई अनिवार्य होगी.
वर्ष 2009 के पूर्व बीएड सफल अभ्यर्थियों के लिए स्नातक में 45 प्रतिशत अथवा स्नातकोत्तर में संबंधित विषय में 45 फीसदी अंक अनिवार्य होगा. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं दिव्यांग अभ्यर्थी को अंक में पांच फीसदी की छूट दी गयी है.
वहीं वर्ष 2009 के बाद बीएड सफल अभ्यर्थियों के लिए स्नातक में 50 फीसदी अंक होना अनिवार्य किया गया है. स्नातक में 50 फीसदी अंक नहीं होने की स्थिति में नियुक्तिवाले विषय में स्नातकोत्तर में 50 फीसदी अंक होने पर भी अभ्यर्थी आवेदन जमा कर सकेंगे. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं दिव्यांग वर्ग के अभ्यर्थियों को अंक में पांच फीसदी की छूट दी जायेगी.
पहले न्यूनतम 45 फीसदी अंक के साथ बीएड अनिवार्य था
वर्ष 2015 की नियमावली में नियुक्ति से संबंधित विषय में न्यूनतम 45 फीसदी अंक के साथ बीएड होना अनिवार्य था. इसमें नियुक्ति वाले विषय में तीन वर्ष स्नातक की पढ़ाई का उल्लेख नहीं था. पूर्व में भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को अंक में पांच फीसदी की छूट दी गयी थी. वर्ष 2015 की नियमावली में दिव्यांग अभ्यर्थियों को अंक में छूट नहीं दी गयी थी. जबकि संशोधित नियमावली में दिव्यांगों को अंक में पांच फीसदी की छूट दी गयी है.
सब्सिडियरी पर क्यों नहीं भर पायेंगे आवेदन
स्नातक में सब्सिडियरी विषय की पढ़ाई दो वर्ष की होती है. तीसरे वर्ष में केवल ऑनर्स विषय की ही पढ़ाई होती है. नियमावली में किये गये बदलाव के अनुसार संबंधित विषय के स्नातक में तीन वर्ष की पढ़ाई अनिवार्य की गयी है. ऐसे में सब्सिडियरी की पढ़ाई तीन वर्ष नहीं होने पर अभ्यर्थी सब्सिडियरी विषय के आधार पर आवेदन जमा नहीं कर पायेंगे.
नियुक्ति के विषय में स्नातक के तीनों वर्षों में उसकी पढ़ाई अनिवार्य
वर्ष 2009 के बाद बीएड करनेवालों के लिए स्नातक में 50% अंक अनिवार्य
05% अंक में छूट दिव्यांग अभ्यर्थियों को
स्नातक के साथ एमए उत्तीर्ण को भी अवसर
नियुक्ति से संबंधित विषय में तीन वर्ष स्नातक की पढ़ाई नहीं करनेवाले विद्यार्थियों ने अगर संबंधित विषय में 50 फीसदी अंक के साथ स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की हो, तो वे नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं.
शिक्षकों के 14000 पद रिक्त
राज्य में हाइस्कूल में शिक्षकों के लगभग 14000 पद रिक्त हैं. नियुक्ति नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है.
प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति में भी बदलाव
नियुक्ति नियमावली में किये गये बदलाव के अनुरूप प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति के लिए अब शिक्षकों के लिए 18 वर्ष व अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के शिक्षकों के लिए 15 वर्ष के शैक्षणिक अनुभव का प्रावधान किया गया है .पूर्व में यह क्रमश: 24 व 18 वर्ष था. इतने अनुभव वाले शिक्षक नहीं मिलने की स्थिति में नया प्रावधान प्रभावी होगा.
झारखंड से मैट्रिक इंटर पास होना अनिवार्य
हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली में किये गये संशोधन के अनुरूप अब शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी काे झारखंड से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा पास होना अनिवार्य है. आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को इस प्रावधान से छूट मिली है.
Posted By : Sameer Oraon