रांची : झारखंड के हाइस्कूलों में शिक्षकों के 25,169 पद सृजित हैं. इनमें से लगभग 15 हजार शिक्षक कार्यरत हैं. यानी 10 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं. सबसे अधिक पद विज्ञान के विषयों जैसे – गणित, भौतिकी, रसायन के शिक्षकों के रिक्त हैं. वहीं, पिछले आठ साल में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों के रिक्त पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हो पायी है. राज्य में हाइस्कूल शिक्षा की स्थिति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है. इधर, राज्य में 31 मार्च 2016 तक 17,572 रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई. इस दौरान राज्य में लगभग एक लाख अभ्यर्थी बीएड का प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं. इन्हें हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर नहीं मिला है. अभ्यर्थी हाइस्कूलों में नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अगली नियुक्ति प्रक्रिया कब शुरू होगी इसका पता नहीं है.
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर माध्यमिक विद्यालयों में औसतन 18 विद्यार्थी पर एक शिक्षक हैं. वहीं, झारखंड के हाइस्कूलों में 35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक हैं. यह राष्ट्रीयस्तर की तुलना में दोगुना है. राज्य में वर्ष 2010 के बाद से 1249 मध्य विद्यालय को हाइस्कूल में अपग्रेड किया गया है. इनमें 121 ऐसे विद्यालय हैं, जहां अब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है.
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राज्य में लगभग 50 से अधिक हाइस्कूल में एक या दो शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. जबकि किसी भी हाइस्कूल में मैट्रिक में होनेवाली परीक्षा के आधार पर कम से कम सात शिक्षक होने चाहिए. शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
राज्य में पिछले आठ साल से 17572 हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. नियुक्ति की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई. नियुक्ति प्रक्रिया तो पूरी नहीं हुई, पर इस दौरान राज्य में लगभग 24 लाख विद्यार्थी मैट्रिक की परीक्षा पास कर गये. विद्यार्थियों को शिक्षक का इंतजार है.