जलस्रोतों के अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- रांची में पहले कितने तालाब थे, अब उनकी क्या स्थिति है

झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से जलस्रोतों के अतिक्रमण पर सवाल पूछा है, उन्होंने कहा है कि बताएं रांची में पहले कितने तलाब थे और उनकी क्या स्थिति है अभी. अदालत ने कांके डैम, धुर्वा डैम व गेतलसूद डैम की जमीन पर किये गये अतिक्रमण पर रिपोर्ट मांगा है

By Prabhat Khabar News Desk | February 5, 2022 9:49 AM

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को नदियों व जलस्रोतों के अतिक्रमण को लेकर दायर विभिन्न जनहित याचिकाअों (पीआइएल) पर सुनवाई की. कोर्ट ने रांची के जलस्रोतों (तालाबों) के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया. साथ ही राज्य सरकार व रांची नगर निगम से पूछा कि रांची में पहले कितने तालाब थे? अब तालाबों की क्या स्थिति है?

अदालत ने कहा कि कांके डैम, धुर्वा डैम व गेतलसूद डैम की जमीन पर किये गये अतिक्रमण की अद्यतन स्थिति पर रिपोर्ट दें. आदेश के अनुपालन के बारे में भी कोर्ट को अवगत कराया जाये. वहीं, जियोलॉजिकल सर्वे अॉफ इंडिया झारखंड के अधिकारी को वर्चुअल उपस्थित होकर यह बताने को कहा गया कि कोर्ट के आदेश के आलोक में रांची के जलस्रोतों का सर्वे किया गया या नहीं. सर्वे किया गया है, तो जलस्रोतों की क्या स्थिति है?

बड़ा तालाब के मामले में कोर्ट ने रांची नगर निगम को यह बताने का निर्देश दिया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कब तक पूरा हो जायेगा? चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 11 फरवरी की तिथि निर्धारित की.

इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि बड़ा तालाब में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण सितंबर 2021 से शुरू किया गया है. कोरोना संक्रमण के कारण कार्य बाधित हुआ है. राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजीव कुमार सिंह ने अलग-अलग जनहित याचिका दायर कर कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम की जमीन पर किये गये अतिक्रमण व रांची के तालाबों को भर कर बहुमंजिला बिल्डिंग बनाने का मामला उठाया है. वहीं, अधिवक्ता खुशबू कटारूका ने बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर जनहित याचिका दायर की है. सभी याचिकाओं पर साथ-साथ सुनवाई हो रही है.

Posted By : Sameer Oraon

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