झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट मामले में गोड्डा और दिल्ली के बीजेपी सांसद समेत 9 को दी बड़ी राहत
झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन मामलों में सोमवार को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे, दिल्ली सांसद मनोज तिवारी समेत नौ आरोपियों को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने कुंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश दिया है.
Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन मामले में गोड्डा के बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दूबे, दिल्ली सांसद मनोज तिवारी समेत नौ आरोपियों को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने कुंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश दिया है. इस मामले में सांसद डॉ निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी के अलावा एयरपोर्ट डायरेक्टर संदीप ढिंगरा और पायलट समेत नौ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.
एसके द्विवेदी की कोर्ट ने दिया आदेश
हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सोमवार 13 मार्च, 2023 को देवघर के कुंडा थाने में दर्ज बीजेपी सांसद समेत नौ आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश दिया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने पैरवी की.
31 अगस्त, 2022 का मामला
बता दें कि पुलिस ने देवघर एयरपोर्ट में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के आरोप में बीजेपी सांसद समेत नौ आरोपियों के खिलाफ कुंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी देवघर एयरपोर्ट में सुरक्षा प्रभार के रूप में तैनात डीएसपी सुमन आनंद के बयान पर दर्ज हुई थी. मामला 31 अगस्त, 2022 का है.
क्या है पूरा मामला
31 अगस्त, 2022 के दिन शाम 5:25 बजे चार्टर्ड प्लेन के यात्री गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे, दिल्ली सांसद मनोज तिवारी, सांसद कपिल मिश्रा सहित अन्य और उन्हें छोड़ने आये लोग देवघर एयरपोर्ट पहुंचे थे. इस दौरान सभी यात्री विमान के अंदर जाकर विमान का दरवाजा बंद कर दिया गया था. कुछ देर बाद विमान का दरवाजा खुला और पायलट नीचे उतरे.क्
डीएसपी का आरोप
डीएसपी ने अपने प्राथमिकी में कहा था कि जब वो एटीसी के कंट्रोल रूम में पहुंचे, तो डायरेक्टर संदीप ढिंगरा और पायलट पहले से ही मौजूद थे. डीएसपी का आरोप था कि पायलट एटीसी के कर्मियों पर क्लीयरेंस देने के लिए दवाब डाल रहे थे.
गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे का आरोप
दूसरी ओर, गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कहा था कि मैं एयरपोर्ट एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन होने के नाते नाइट लैंडिंग की जानकारी लेने गया था. कहा था कि चूंकि जल्दबाजी में मैं नंगे पांव ही जाने लगा था. इसी दौरान पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों ने मुझे जाने से रोका. इसी बीच मेरे दोनों पुत्र मेरा जूता लेकर आ रहे थे, उनके साथ भी गाली-गलौज की गयी थी. इस दौरान जान से मारने की धमकी भी दी गयी थी.
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